कोनार्क फेस्टीवल में बालू पर उकेरी तेलंगाना की संस्कृति, बिहार के मधुरेन्द्र ने खूब बटोरी सुर्खियां

बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने कोनार्क फेस्टीवल में रेत पर बनाई तेलांगना की संस्कृति बोनालू व येलम्मा की कलाकृति, खूब बटोर रही है सुर्खियां

घोड़ासहन/कोनार्क: अंतरराष्ट्रीय रेत कला उत्सव में बिहार के लाल विश्वविख्यात सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार द्वारा उड़ीसा के कोनार्क फेस्टीवल में चंद्रभागा तट पर बालू से उकेरी गयी तेलंगाना की पारंपरिक लोक उत्सव की संस्कृति बोनालू व येलम्मा की कलाकृति खूब सुर्खियां बटोर रही है। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन बिजबनी गांव के रहने वाले युवा रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार ने बताया कि भारत के की संस्कृति में तेलांगना राज्य का यह त्योहार एक माह तक चलती हैं। जिसमें देवी महाकाली की पूजा की जाती है। त्योहार के पहले और आखिरी दिन येलम्मा के लिए विशेष पूजाएं की जाती हैं। मन्नत पूर्ति के लिए देवी को धन्यवाद करने के लिए यह उत्सव मनाया जाता है।

गौरतलब हो कि अंतर्राष्ट्रीय फलक पर देश और राज्य का नाम रौशन करने वाले उम्दा सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ऐसे ही कुछ अलग काम करके दुनिया में अपने नाम का डंका बजा रहे हैं। मौके पर उपस्थित पद्मश्री सुदर्शन पटनायक व विभागीय कई वरीय अधिकारियों तथा आम नागरिकों ने भी मधुरेंद्र की कलाकृति की सराहना की।

Ravi sharma

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