केन्द्र ने आरबीआई गवर्नर को दिया तीन साल का सेवा विस्तार

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुये भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल में तीन साल का विस्तार कर दिया है। कैबिनेट के नियुक्ति समिति के निर्णयानुसार अब शक्तिकांत दास अगले तीन साल के लिये आरबीआई के गवर्नर के पद पर बने रहेंगे।शक्तिकांत दास को उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद 11 दिसंबर 2018 को तीन साल की अवधि के लिये भारतीय रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया गया था , इससे पहले वे वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव थे। उर्जित पटेल वर्ष 2016 में आरबीआई के 24 वें गवर्नर नियुक्त हुये थे , लेकिन अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही निजी कारणों का हवाला देते हुये अचानक उन्होंने आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि 26 फरवरी 1957 को जन्मे शक्तिकांत दास इतिहास विषय में एम.ए पासआउट हैं और तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स में जॉइंट सेक्रेटरी बजट , तमिलनाडु सरकार के राजस्व विभाग में कमिश्नर और स्पेशल कमिश्नर , तमिलनाडु के इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी और अन्य विभिन्न पदों पर रह चुके हैं।नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा के समय शक्तिकांत दास आर्थिक मामलों के सचिव थे। दास ने नोटबंदी के झटके के दौरान सरकार का बचाव किया। वित्त मंत्रालय में वे पहली बार वर्ष 2008 में संयुक्त सचिव बने जब पी० चिदंबरम वित्तमंत्री थे। फिर शक्तिकांत दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया ,  लेकिन मई 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बना दिया गया। दास ने जीएसटी को लागू करने में भी अहम भूमिका निभायी है। वे लगभग चार दशक से सरकार के साथ मिलकर काम करने के साथ-साथ अब तक आठ केंद्रीय बजट को बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 17 मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी का नेतृत्व भी किया है। दास ने कोविड-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उनके नेतृत्व में, केंद्रीय बैंक ने अभूतपूर्व संकट के दौरान वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये 100 से अधिक उपायों की घोषणा की। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल इसी साल 10 दिसंबर को खत्म होने वाला था , लेकिन अब कैबिनेट नियुक्ति समिति ने उनके अगले तीन साल की अवधि के लिये आरबीआई के गवर्नर बने रहने पर मुहर लगा दी है। शक्तिकांत दास 10 दिसंबर को 26वें गवर्नर के रूप में नियुक्त होंगे। वर्ष 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद वे सेवा विस्तार पाने वाले रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर हैं। रघुराम राजन को वर्ष 2016 में सेवा विस्तार नहीं दिया गया था , जबकि उर्जित पटेल ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद छोड़ दिया था।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दशक में सिर्फ रघुराम राजन और उर्जित पटेल ऐसे आरबीआई गवर्नर रहे जिन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिला। इसमें से रघुराम राजन ने अपना पहला कार्यकाल पूरा किया था लेकिन उर्जित पटेल ने व्यक्तिगत कारणों से अपना पहला कार्यकाल पूरा किये बिना ही इस्तीफा दे दिया था। पिछले तीन दशक की बात करें तो सी० रंगराजन वर्ष 1992 से1997 तक , बिमल जालान वर्ष 1997-2003 तक , वाईवी रेड्डी वर्ष 2003 से 2008 तक , डी सुब्बाराव वर्ष 2008 से 2013 तक , रघुराम राजन वर्ष 2013 से 2016 तक और उर्जित पटेल वर्ष 2016 से 2018 तक यह पद सम्हाला जबकि पटेल के बाद शक्तिकांत दास दिसंबर 2018 से गवर्नर हैं।

Ravi sharma

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