कालीचरण महाराज दो दिन की पुलिस रिमांड पर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर – महात्मा गांधी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार किये गये कालीचरण महाराज को आज माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर चेतना ठाकुर के कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने उसे दो दिन की पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को दो दिवसीय धर्मसंसद आयोजित की गई थी। धर्म संसद में देश भर के साधु-संतों ने हिस्‍सा लिया था। धर्म संसद के दूसरे और अंतिम दिन इसी सभा में कालीचरण महाराज ने महात्‍मा गांधी के हत्‍यारे नाथूराम गोड्से की तारीफ की जबकि महात्‍मा गांधी पर अभद्र टिप्‍पणी की थी और मंच से उतरने के बाद फरार हो गये थे। फिर विवादित बयान को लेकर खुद के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद कालीचरण ने भड़काऊ वीडियो जारी किया था। पुन: 27 दिसंबर को कालीचरण महाराज ने एक और वीडियो जारी कर महात्‍मा गांधी के बारे में अपशब्‍द कहे थे। इसमें उन्‍होंने कहा था कि महात्‍मा गांधी को गाली देने का मुझे कोई अफसोस नहीं है। मुझे फांसी भी दे दोगे तब भी मैं अपने सुर बदलने वाला नहीं हूं। ऐसी एफआईआर से मुझ पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। मैं गांधी विरोधी हूं और इसके लिये फांसी भी मुझे स्‍वीकार है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर में धर्म संसद में दिये विवादित व्याख्यान पर थाना टिकरापारा में कालीचरण महाराज के विरुध्द धारा 294 , 505(2) भादवि का अपराध दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान साक्ष्यों के आधार पर धारा 153 ए(1)(ए) , 153 बी (1)(ए) , 295 ए , 505(1)(बी) , 124 ए भादवि का भी समावेश किया गया। रायपुर में कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद छग पुलिस लगातार उनको महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में खोज रही थी। आखिरकार चार दिनों के अथक प्रयास के बिद उनको आज सुबह चार बजे खजुराहो (मध्यप्रदेश) से 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम से गिरफ्तार किया गया था। आज जब रायपुर पुलिस उसे लेकर कोर्ट पहुंची तो कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील हो गया था , परिसर में भारी फोर्स तैनात थे। उनके रायपुर पहुंचने से पहले ही बड़ी तादाद में समर्थक कोर्ट परिसर में एकत्रित होकर नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस को उन्हें संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कोर्ट में पेशी से पहले कालीचरण महाराज का रायपुर पुलिस लाइन में मेडिकल हुआ। कालीचरण ने किसी पुरानी बीमारी की जानकारी नही दी। उनका कोरोना टेस्ट भी निगेटिव आया , वे सभी मेडिकल जांच में पास हो गये।समर्थकों की भारी भीड़ के चलते पुलिस उन्हें पिछले दरवाजे से लेकर जज के सामने पेश की। कोर्ट में बचाव पक्ष और सरकारी वकील अपनी अपनी दलीलें दिये। लगभग एक घंटे तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने कालीचरण को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है।

कौन है कालीचरण महाराज ?
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सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार संत कालीचरण का असली नाम अभिनीत धनंजय सराग है और वे भावसार समाज के हैं। पिता दवा की दुकान चलाते हैं। कालीचरण महाराष्ट्र के अकोला में स्थानीय युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं और आठवीं कक्षा तक पढ़े हैं। बचपन में मां-बाप ने उन्हें मौसी के घर इंदौर भेज दिया था। कालीचरण को बॉडी बिल्डिंग का शौक है। कालीचरण ने राजनीति में भी हाथ आजमाया , उन्होंने वर्ष 2017 में अकोला नगर निकाय चुनाव में चुनाव लड़ा , लेकिन वे हार गये थे। इसी साल कालीचरण भोपाल के पास भोजपुर मंदिर में शिवतांडव स्त्रोत का पाठ कर चर्चा में आये थे।

Ravi sharma

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