एनपीआर तीन चरणों में तैयार होगा — प्रकाश जावड़ेकर,अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट-नई दिल्ली-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — मोदी कैबिनेट ने आज देश भर में हो रहे भारी विरोध के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब देश भर के नागरिकों का डेटाबेस तैयार किया जायेगा हालांकि यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा। इसका इस्तेमाल सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिये करती है। केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों से अवगत कराते हुये सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एनपीआर में कोई प्रूफ, कोई डॉक्युमेंट और बायोमीट्रिक की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि नागरिक जो भी सूचना देंगे, वह सही मान ली जायेगी। उन्होंने आगे बताया कि जनगणना का कार्य अंग्रेजों के जमाने से हो रहा है। भारत में अब तक 15 बार जनगणना का काम हुआ है , आजादी से पहले अंग्रेजों ने भारत की आठ बार जनगणना करवायी थी फिर आजादी के बाद सात जनगणना हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अब 16वीं जनगणना का काम बेहद आसान कर दिया गया है इस बार तकनीकी की मदद ली जायेगी। एक ऐप लॉन्च होगा जिसमें नागरिक जो भी जानकारी देंगे उन्हें बिल्कुल सही मान लिया जायेगा। एनपीआर तीन चरणों में तैयार किया जायेगा – पहला चरण एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाये जायेंगे।दूसरा चरण 09 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक होगा। इसके बाद तीसरा चरण होगा जिसमें जुटाये आंकड़ों में जरूरी संशोधन किये जायेंगे।

माँगी जायेगी ये जानकारियाँ

हर घर से रजिस्टर में व्यक्ति का नाम , घर के मुखिया से रिश्ता , पिता का नाम , मां का नाम , पति / पत्नी का नाम , लिंग , जन्मतिथि , शादी हुई या नहीं , जन्मस्थान , राष्ट्रीयता (जो घोषित किया हो) , वर्तमान पता जहांँ रह रहे हों , वर्तमान पते पर निवास का समय , स्थायी आवासीय पता , पेशा , शैक्षणिक योग्यता से संबंधित विस्तृत जानकारी माँगी जायेगी।

इन राज्यों ने किया एनपीआर का बहिष्कार

भारत के दस राज्यों ने कहा है कि वो एनपीआर को लागू नहीं करेंगे। इन राज्य सरकारों में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार, केरल की पिनराई विजयन सरकार, पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार, आंध्र प्रदेश की वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार, बिहार की नीतीश कुमार सरकार, ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार, छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार, मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार है। इन राज्यों में बिहार ऐसा राज्य है जहांँ भाजपा सरकार में शामिल है। इन राज्यों ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के बाद ये कहा है कि वो एनपीआर को अपने यहांँ लागू नहीं करेंगे।

Ravi sharma

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