उत्तराखंड के नये सीएम पुष्कर धामी ने ली शपथ-देहरादून

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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देहरादून — पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के ग्यारहवें और प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री के रूप में राजभवन में शपथ ली। महामहिम राज्यपाल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। उनके अलावा नये राज्य मंत्रिमंडल में सतपाल महाराज , डॉ. हरक सिंह रावत , बंशीधर भगत , यशपाल आर्य , बिशन सिंह चुफाल , सुबोध उनियाल , अरविंद पांडेय समेत अन्यों ने भी शपथ ग्रहण की। राजभवन में हुये शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। वर्ष 2017 में हुये विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अब तक राज्य को धामी के रूप में तीसरा मुख्यमंत्री दिया है। बताते चलें पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ के डीडी हाट तहसील के टुण्डी गांव में हुआ था। ये साधारण परिवार से आते हैं , इनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है। इन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध विषय में मास्टर डिग्री के साथ साथ एलएलबी की शिक्षा भी प्राप्त की है। ये अपने महाविद्यालयीन दिनों में ही एबीव्हीपी से जुड़े और वर्ष 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य ए्वं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। बाद में ये एव्हीबीपी के प्रदेश मंत्री बनाये गये। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इन्होंने सीएम कोश्यारी के अनुभवी सलाहकार के रूप में वर्ष 2002 तक कार्य किया। वये वर्ष 2002 से वर्ष 2008 तक दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे। इन्होंने भाजपा सरकार में वर्ष 2010 से वर्ष 2012 तक शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के रूप में कार्य किया है। इस दौरान क्षेत्र के जनता की समस्याओं के समाधान करने के कारण ये काफी लोकप्रिय हुये। यही कारण है कि इन्होंने वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। वर्तमान में ये खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं , इस सीट से वे दो बार विधायक बने हैं। वर्ष 2017 में इन्होंने चुनावी हलफनामे में अपना पेशा वकालत बताया है। इससे पहले वर्ष 2002 से वर्ष 2008 तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगार को संगठित करने का काम किया। इसी कड़ी में इन्होंने 11 जनवरी 2005 को प्रदेश के 90 युवाओं के साथ विधानसभा का घेराव करने के लिये ऐतिहासिक रैली आयोजित की थी। धामी को युवा शक्ति का नेतृत्व करने के लिये एक प्रेरणा माना जाता है। बेरोजगारी और युवाओं के तकनीकी शिक्षा पर विधानसभा में धामी अक्सर सवाल उठाते रहते थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से बेहद अच्छे रिश्ते रखने वाले धामी को केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का करीबी माना जाता है।
गौरतलब है कि शुक्रवार की शाम सीएम तीरथ सिंह रावत ने नाटकीय घटनाक्रम में अचानक इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने उनके इस्तीफे को संवैधानिक संकट का परिणाम बताया है। पार्टी की तरफ से सफाई दी गई है कि चुनाव आयोग ने कोरोना संकट को देखते हुये राज्य में उपचुनाव नहीं कराने का फैसला किया था , इसलिये संवैधानिक संकट खड़ा हो गया था। तीरथ सिंह रावत विधानसभा के सदस्य नहीं थे , जबकि सीएम बनने के छह महीने के अंदर उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना था ऐसी स्थिति में उन्होने इस्तीफा देना बेहतर समझा। दरअसल तीरथ सिंह रावत इसी साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री बने थे जिसकी वजह से उन्हें 10 सितंबर तक किसी भी सूरत में विधायक बनना ही था। चूंकि कोरोनाकाल की वजह से उप-चुनाव का अभी तक ऐलान नहीं हुआ है , ऐसे में बीजेपी ने मुख्यमंत्री को बदलने का फैसला किया। इसके बाद तीरथ सिंह रावत की जगह अब पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है।

Ravi sharma

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