ईमानदारी से प्रयास होने पर होते हैं संकल्प सिद्ध – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक भारत को यह विविधता , एक करके रखती हैं और एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाती हैं। इसमें भी हमारे ऐतिहासिक स्थलों और पौराणिक कथाओं, दोनों का बहुत योगदान है। भारत की संस्कृति, हमारी भाषाओं , हमारी बोलियां , हमारे रहन-सहन , खान-पान का विस्तार , ये सारी विविधतायें हमारी बहुत बड़ी ताकत है। मेरे प्यारे देशवासियो ‘मन की बात’ की एक खूबसूरती ये भी है कि मुझे आपके सन्देश बहुत सी भाषाओं , बहुत सी बोलियों में मिलते हैं।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होने वाले मन की बात कार्यक्रम के 87 वें एपिसोड में आज देशवासियों को संबोधित करते हुये कही। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि बीते सप्ताह हमने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है , जिसने हम सबको गर्व से भर दिया है। भारत ने 30 लाख करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य प्राप्त किया है जो कि ऐतिहासिक है। पहली बार सुनने में लगता है कि ये अर्थव्यवस्था से जुड़ी बात है , लेकिन ये अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा , भारत के सामर्थ्य , भारत की क्षमता से जुड़ी बात है। भारत का सामर्थ्य विश्व में दिख रहा है और विदेशी बाजार में भारत की उत्पादों का दबदबा है। पीएम मोदी ने कहा कि एक समय में भारत से निर्यात का आंकड़ा कभी 100 बिलियन , कभी डेढ़-सौ बिलियन , कभी 200 बिलियन तक हुआ करता था , अब आज भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इसका एक ये मतलब ये है कि दुनियां भर में भारत में बनी चीजों की मांग बढ़ रही है। दूसरा मतलब ये है कि भारत की सप्लाई चेन दिनों-दिन मजबूत हो रही है और इसका एक बड़ा संदेश भी है। पीएम मोदी ने कहा कि देश विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं। जब संकल्पों के लिये दिन-रात ईमानदारी से प्रयास होता है, तो वो संकल्प सिद्ध भी होते हैं। पीएम ने कहा देश के कोने-कोने से नये-नये प्रोडक्ट अब विदेश जा रहे हैं। आसाम के हैलाकांडी के लेदर प्रोडक्ट हों या उस्मानाबाद के हैंडलूम उत्पाद , बीजापुर की फल-सब्जियां हों या चंदौली का काला चांवल , सबका निर्यात बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल , उत्तराखंड में पैदा हुये मिलेट्स मोटे अनाज की पहली खेप डेनमार्क को निर्यात की गयी। आंध्रप्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिले के बंगनपल्ली और सुवर्णरेखा आम , दक्षिण कोरिया को निर्यात किये गये। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब छोटे से छोटे दुकानदार भी सरकारी ई- मार्केटप्लेस पोर्टल पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है – यही तो नया भारत है। ये ना केवल बड़े सपने देखता है , बल्कि उस लक्ष्य तक पहुंचने का साहस भी दिखाता है। इसी साहस के दम पर हम सभी भारतीय मिलकर आत्मनिर्भर भारत का सपना भी जरुर पूरा करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक साल में सरकारी ई- मार्केटप्लेस पोर्टल के जरिये सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चीज़े खरीदी हैं। देश के कोन-कोने से करीब-करीब सवा लाख लघु उद्यमियों , छोटे दुकानदारों ने अपना सामान सरकार को सीधे बेचा है। पीएम मोदी ने कहा कि आयुष उद्योग का बाजार भी लगातार बड़ा हो रहा है। छह साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार बाईस हजार करोड़ रुपये के आसपास का था। आज यह एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच रही है। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि विदेशों से हमने अपनी चोरी हुई कलाकृतियों को वापस लाया है। वर्ष 2013 तक 13 प्रतिमायें विदेशों से भारत आई थी लेकिन पिछले सात साल में 200 से ज्यादा चोरी हुई प्रतिमायें हमने अमेरिका , सिंगापुर , जैसे देशों से वापस लाया है। जल संरक्षण पर जोर देते हुये जल मंदिर योजना की भूमिका के बारे में पीएम ने कहा मैं तो उस राज्य से आता हूं , जहां पानी की हमेशा बहुत कमी रही है। गुजरात में कुयें को वाव कहते हैं , गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है। इन कुओं या वावड़ियों के संरक्षण के लिये ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभायी। पूरे गुजरात में अनेकों बावड़ियों को पुनर्जीवित किया गया , इससे इन इलाकों में वाटर लेबल को बढ़ाने में भी काफी मदद मिली। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाये जा सकते है। कुछ पुराने सरोवरों को सुधारा जा सकता है , कुछ नये सरोवर बनाये भी जा सकते हैं। पीएम मोदी ने बच्चों से जल संरक्षण अभियान में जुड़ने की अपील करते हुये कहा कि स्वच्छता अभियान से जुड़कर जैसे बच्चों ने इसे आंदोलन का रूप दे दिया उसी तरह जल संरक्षण अभियान से जुड़कर बच्चे बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। हमारे देश में जल संरक्षण , जल स्रोतों की सुरक्षा सदियों से समाज के स्वभाव का हिस्सा रहे हैं। मुझे खुशी है कि देश में बहुत से लोगों ने जल संरक्षण को अपनी जिंदगी का मकसद ही बना दिया है। ऐसी ही अभियान आप भी स्थानीय स्तर पर चला सकते हैं , मुझे विश्वास है कि आप इस दिशा में कुछ ना कुछ प्रयास जरूर करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि हम सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनायेंगे। आज पूरे विश्व में हेल्थ को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम में 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकार्ड बनाया है। आयुष उद्योग का बाजार लगातार बड़ा हो रहा है। छह साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपये के आसपास का था। आज आयुष विनिर्माण उद्योग एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात में माधवपुर मेले की चर्चा करते हुये कहा कि ये मेला गुजरात के माधवपुर गांव में लगता है , लेकिन इस मेले का देश के पूर्वी छोर से भी नाता है। कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण का विवाह नार्थ इस्ट की राजकुमारी रुक्मणि से हुआ था , ये विवाह पोरबंदर के माधवपुर में हुआ था। इसी विवाह के प्रतीक में माधवपुर मेला लगता है , इससे लगता है कि ईस्ट और वेस्ट का गहरा नाता है। अगर आपके पास मौका मिले तो इस मेले में जरूर जायें। मन की बात में बाबा शिवानंद की चर्चा करते हुये पीएम ने कहा हाल ही में हुये पद्म सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी (126 वर्षीय) को जरुर देखा होगा। उनकी फुर्ति देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा पलक झपकते ही वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे। मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर बार-बार प्रणाम किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर कई लोगों का कमेंट देखा कि बाबा शिवानंद अपनी उम्र से चार गुना कम आयु से भी ज्यादा फिट हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा अप्रैल के महीने में हम दो महान विभूतियों की जयंती भी मनायेंगे। इन दोनों ने ही भारतीय समाज पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है। ये महान विभूतियां हैं- महात्मा फुले और बाबा साहब अम्बेडकर। महात्मा फुले की इस चर्चा में सावित्रीबाई फुले जी का भी उल्लेख उतना ही जरूरी है। पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैं ‘मन की बात’ के श्रोताओं से आग्रह करूंगा कि वे महात्मा फुले , सावित्रीबाई फुले और बाबासाहेब अम्बेडकर से जुड़ी जगहों के दर्शन करने जरुर जायें , आपको वहां बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। पीएम मोदी ने देशवासियों को अप्रैल में आने वाले नवरात्रि की बधाई देते हुये कहा कि कुछ दिन बाद ही नवरात्रि है , जिसमें हम व्रत-उपवास , शक्ति की साधना करते हैं , शक्ति की पूजा करते हैं , यानि हमारी परम्परायें हमें उल्लास भी सिखाती हैं और संयम भी। उन्होंने कहा कि संयम और तप भी हमारे लिये पर्व ही है , इसलिये नवरात्रि हमेशा से हम सबके लिये बहुत विशेष रहा है। हम सबको साथ लेकर अपने पर्व मनायें और भारत की विविधता को सशक्त करे – सबकी यही कामना है।
गौरतलब है कि हाल ही में चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के परचम लहराने के बाद पीएम मोदी के मन की बात का ये पहला प्रसारण था। उन्होंने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से 03 अक्टूबर 2014 से मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी। उस समय से महीने के आखिरी रविवार को इस कार्यक्रम का प्रसारण होता है , जिसकी आज 87 वीं एपिसोड थी। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण , विदेशों से भारत की कलाकृतियों की वापसी और देश की सांस्कृतिक एकता , विश्व स्वास्थ्य दिवस ,बाबा शिवानंद की फिटनेस , हर जिले में पचहत्तर अमृत सरोवर बनाने की अपील करने के साथ ही नवरात्रि पर्व पर चर्चा की।

Ravi sharma

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