आसाम सरकार का बजट पेश , कोई नया कर नहीं-गुवाहाटी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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गुवाहाटी — आसाम में हेमंत बिस्वा सरमा की सरकार ने विधानसभा में 2021-22 का बजट पेश किया। यह हेमंत की अगुवाई वाली सरकार का पहला बजट है , जिसे राज्य की पहली महिला वित्तमंत्री अजंता नियोग ने पेश किया। इस बजट में एक लाख नये सरकारी रोजगार सृजित करने का प्रस्ताव है और कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी स्कूलों के नवमीं और दसवीं के छात्रों को स्मार्ट फोन देने , 50 नई सीमा चौकी बनाने , कृषि आयोग गठित करने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिये मवेशियों में कृत्रिम गर्भाधान शुरू करने के प्रस्ताव किये गये हैं। वित्तमंत्री ने किसानों , कोविड विधवाओं , छात्रों , बुनियादी ढांचे , खेल , संस्कृति , चिड़ियाघर और स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित बजट पेश किया। बजट में वित्त विभाग को सर्वाधिक 18037.70 करोड़ रुपये और उसके बाद 9,389 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. लोक निर्माण (सड़क) विभाग को 8,583 करोड़ रुपये दिये गये हैं। वित्तवर्ष 2021-22 के लिए स्वास्थ्य विभाग को 7,004 करोड़ रुपये मिलेंगे।वित्तमंत्री ने कहा, …एक तरफ हम कोविड महामारी से निपटने के लिये संसाधन जुटाने में लगे हैं , दूसरी तरफ आर्थिक गतिविधियां ठप होने (महामारी की रोकथाम के लिये पाबंदियों से) से राजस्व संग्रह पर असर पड़ा। उन्होंने सदन को बताया कि कर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर 3,501 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 1,920 करोड़ रुपये था। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष के दौरान नरमी के कारण कर विभाग का कर संग्रह घटाकर 14645 करोड़ रूपये रहा जो इससे पूर्व वित्तवर्ष में 14967 करोड़ रूपये था। बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुये नियोग ने कहा कि वर्ष 2021-22 में सकल राजस्व 2,89,770.68 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि कुल व्यय 2,89,367.10 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। वित्तमंत्री ने कहा, अत: साल के दौरान 403.58 करोड़ रुपये की अधिशेष पूंजी होगी , वहीं पिछले साल का घाटा 969.78 करोड़ रुपये है। इससे बजटीय घाटा 2021-22 में 566.20 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। रोजगार के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी चिंता का एक प्रमुख कारण है। इस समस्या के समाधान के लिये सरकार ने 11 मई को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में सरकारी क्षेत्रों में एक लाख युवाओं को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया था. इसे क्रियान्वित किया जायेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच पठन-पाठन के नुकसान को कम करने और डिजिटल अंतर को पाटने के लिये सरकार कक्षा नवमीं और दसवीं के छात्रों को स्मार्टफोन प्रदान करेगी , इस योजना से लगभग आठ लाख छात्रों को लाभ होगा। शिक्षा क्षेत्र के लिये आवंटन में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के लिये 9389.54 करोड़ रुपये , उच्च शिक्षा विभाग के लिये 2612.81 करोड़ रुपये , माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिये 5131.51 करोड़ रुपये और तकनीकी शिक्षा विभाग के लिये 410.17 करोड़ रुपये शामिल हैं। वित्तमंत्री अजंता नियोग के पहले बजट की कुछ प्रमुख घोषणाओं में तामूलपुर , गोलाघाट , मोरीगांव , धेमाजी और बोंगाईगांव में पांच और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रस्ताव शामिल है। एक हजार उपकेंद्र , हेल्थकेयर इकाइयों को बुनियादी स्वास्थ्य केंद्र (बीएसके) में परिवर्तित किया जायेगा जहां मुफ्त चिकित्सा परामर्श , निदान परीक्षण , मधुमेह , उच्च रक्तचाप , अस्थमा और संचारी रोगों सहित प्राथमिक रोगों का इलाज़ किया जायेगा। मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना या मुख्यमंत्री की कोविड विधवा सहायता योजना के तहत कवर नहीं किये गये परिवारों को वित्तीय सहायता , एक कोविड -19 पीड़ित के परिजनों को एक लाख रुपये की रकम दी जायेगी। वहीं सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने बजट को जन केंद्रित बताते हुये कहा कि इसमें किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं है , इसके जरिये यह सुनिश्चत किया गया है कि कोविड-19 स्थिति से प्रभावित लोगों पर और बोझ नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि बजट में किये गये प्रस्तावों का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग का कल्याण है , साथ ही इसमें अगले पांच साल के विकास कार्यों की रूपरेखा तय की गई है। हालांकि, विपक्षी दलों ने बजट की आलोचना करते हुये इसे जनविरोधी बताया है। उनका कहना है कि इसमें मूल्य वृद्धि सहित मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए कोई वास्तविक प्रस्ताव नहीं है। नियोग ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान नरमी के कारण कर विभाग का कर संग्रह घटकर 14,645 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 14,967 करोड़ रुपये था।

Ravi sharma

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