आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सबकी होगी सामूहिक भूमिका – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – आरबीआई वित्तीय मामलों में हमेशा संवाद बनाये रखता है। इन दोनों योजनाओं से देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा। इनके जरिए छोटे से लेकर बड़े निवेशकों को लाभ होगा, साथ ही पारदर्शिता भी आयेगी। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत अर्थव्यवस्था में सबकी भागीदारी की भावना का सम्मान करना और उसे बढ़ाना है। कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण कालखंड में वित्त मंत्रालय , आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थाओं ने बहुत प्रशंसनीय काम किया है। यह समय देश के विकास में बहुत अहम भूमिका रखता है , इसमें आरबीआई की भूमिका भी अहम है और मुझे पूरी उम्मीद है कि आरबीआई इस पर खरा उतरेगी। आरबीआई ने सामान्य लोगों की सुविधा को बढ़ाने के लिये उन्हें ध्यान में रखते हुये लगातार अनेक कदम उठाये हैं। आरबीआई ने सामान्य नागरिक को ध्यान में रखते हुये कई अहम कदम उठाये हैं और उसमें लांच की गई दोनो योजनायें मील का पत्थर साबित होंगी।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय रिजर्व बैंक की दो नई स्कीम्स को लांच करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि इस योजनाओं से निवेश के दायरे का विस्तार होगा। कैपिटल मार्केट को एक्सेस करना और आसान और सुरक्षित बनेगा , इससे सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश का सरल और सुरक्षित जरिया मिल गया है। उन्होंने कहा कि वन नेशन और वन ओंबड्समैन ने साकार रूप लिया है। उनके मुताबिक आप शिकायत का समाधान करने में कितने मजबूत हैं , यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी बात है। पीएम ने कहा कि छोटे से छोटे निवेशक का सहयोग आज के समय में बहुत काम आने वाली है। अब तक सरकारी सिक्योरिटीज मार्केट में मध्य वर्ग , सीनियर सिटीजन आदि जिनकी छोटी बचत है , उन्हें म्यूचुअल फंड जैसे रास्ते अपनाने पड़ते थे। अब इन्हें सुरक्षित निवेश का एक जरिया मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इससे छोटे निवेशकों को सुरक्षा का एक आश्वासन मिलेगा , छोटे निवेशकों को सुरक्षित निवेश पर बेहतर रिटर्न का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिये आम लोगों और सरकार की सामूहिक कोशिश है। पीएम ने कहा कि जब वे वित्तीय समावेश की बात करते हैं , तो इसमें आखिरी व्यक्ति को भी हिस्सा बनाना चाहिये। यह सैलरी वाले व्यक्तियों के लिये घर बैठे सुरक्षित निवेश का एक जरिया है। ये निवेशक के सेविंग अकाउंट से भी लिंक होगा। निवेश में आसानी, बैंकिंग व्यवस्था पर सामान्य लोगों का भरोसा बेहद जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि जो विल्फुल डिफॉल्टर्स पहले बाजार से खिलवाड़ करते थे उनके लिये रास्ता बंद कर दिया गया है। छोटे बैंक का मर्जर करना समेत कई कदमों से बैंकिंग व्यवस्था में नई ऊर्जा लौट रही है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में डिपॉजिटर्स की इनकम को देखते हुये कई फैसले लिये गये हैं , वन नेशन वन ओंब्डस्मैन इसी दिशा में एक कदम है। पीएम मोदी ने कहा कि शिकायत निवारण के लिये खाताधारक को एक आसान जरिया मिल गया है। इससे पहले अगर किसी के अकाउंट के साथ लखनऊ में दिक्कत होती थी, उसे बाहर शिकायत करनी पड़ती थी , लेकिन अब वह वहीं के ओंबड्समैन से शिकायत कर सकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना से महिलाओं आदि की एक नई पीढ़ी सामने आयी है , इकतीस करोड़ रुपये से ज्यादा के रूपे कार्ड ने देश के कोने-कोने में डिजिटल ट्रांजैक्शन को संभव बनाया है। यूपीआई ने भारत को डिजिटल ट्रांजैक्शन में अग्रणी बना दिया है। आरबीआई का एक संवेदनशील रेगुलेटर होना देश की एक बड़ी ताकत है। आजकल फिनटेक जैसे क्षेत्र में भारतीय स्टार्टअप्स ग्लोबल चैपियन बन रहे हैं , भारत इनोवेशन का ग्लोबल पावरहाउस बन गया है। फाइनेंशियल सिस्टम को विश्वस्तरीय बनाना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इन्वेस्टमेंट फ्रैंडली जगह के तौर पर आरबीआई देश की पहचान पर आरबीआई काम करता रहा है और करता रहेगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय रिजर्व बैंक की दो नई स्कीम्स रिटेल डायरेक्ट स्कीम और रिजर्व बैंक इंटिग्रेटेड अब्डस्मैन स्कीम को लांच किया है। आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत रिटेल निवेशक सरकारी सिक्योरिटीज में पैसा लगा सकेंगे। इससे उन्हें भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी सिक्योरिटीज में सीधे निवेश करने का एक नया जरिया मिलेगा। वहीं सरकारी सिक्योरिटीज स्कीम के तहत निवेशक आरबीआई के साथ आसानी से सरकारी सिक्योरिटीज अकाउंट को ऑनलाइन मुफ्त में खोल सकते हैं। अकाउंट को आरबीआई मैनेज करेगा और इसको आप ऑनलाइन ही ऑपरेट कर पायेंगे। आसान भाषा में समझें तो ये आपके बैंक अकाउंट जैसा ही होगा। इस मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास , वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण , केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे।

Ravi sharma

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