आज विश्व रक्तदान दिवस विशेष — अरविन्द तिवारी की कलम से

नई दिल्ली – विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दुनियां भर में प्रतिवर्ष 14 जून को विशेष थीम के साथ विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। शरीर विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन (एक आस्ट्रेलियाई जीवविज्ञानी , चिकित्सक और प्रतिरक्षाविज्ञानी) की जन्मदिन की सालगिरह मनाने उनकी याद में पूरे विश्व में यह दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस दिन को रक्तदान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। वर्ष 2004 में स्थापित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षित रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रक्तदाताओं के सुरक्षित जीवन रक्षक रक्त के दान करने के लिये उन्हें प्रोत्साहित करते हुये आभार व्यक्त करना एवं उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर साल 14 जून को ‘विश्व रक्तदान दिवस’ मनाया जाता है। शरीर विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में पूरे विश्व में यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य रक्तदान को प्रोत्साहन देना एवं उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। वर्ष 1997 में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने सौ फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान की शुरुआत की , जिसमें 124 प्रमुख देशों को शामिल कर सभी देशों से स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने की अपील की गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य था कि किसी भी नागरिक को रक्त की आवश्यकता पड़ने पर उसे पैसे देकर रक्त ना खरीदना पड़े और इसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये अब तक 49 देशों ने स्वैच्छिक रक्तदान को अमलीजामा पहनाया है। सबसे पहले विश्व रक्त दाता दिवस 14 जून, 2005 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से मनाया गया था. जिसके बाद सभी देश ने इस अभियान को अपनाया।बाद में वर्ष 2009 में ट्रांसफ्यूज़न चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञों , नीति-निर्माताओं और 40 से अधिक देशों के गैर-सरकारी प्रतिनिधियों ने मेलबर्न घोषणा तैयार की। जिसने सभी देशों के लिये वर्ष 2020 तक स्वैच्छिक (अवैतनिक) रक्त दाताओं से अपनी सभी रक्त आपूर्ति प्राप्त करने का लक्ष्य स्थापित किया।

इस वर्ष की थीम
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हर साल विश्व रक्तदाता दिवस को एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है , जो उन निस्वार्थ नागरिकों को समर्पित है जो अज्ञात लोगों के लिये अपनी स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं। पिछले वर्ष 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस के लिये एक खास थीम तय की गयी थी जिसका टैग था Safe Blood Saves Lives यानि सुरक्षित रक्तदान बचाये लोगों की जान। वहीं इस साल 2021 के लिये ‘रक्त दो और दुनियां को धड़काते रहो’ (Give Blood and Keep The World Beating) निर्धारित किया गया है। जिसका अर्थ है कोरोना जैसी महामारी, जिसने दुनियां भर में तबाही मचायी है उसे हराया तब ही जा सकता है जब लोग बढ़ चढ़कर रक्तदान करें , इस अभियान का हिस्सा बनें। संदेश में जिंदगी बचाने और दूसरों के स्वास्थ्य में सुधार करके दुनियां को स्पंदित रखने के लिये रक्तदाताओं के आवश्यक योगदान पर प्रकाश डाला गया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इटली अपने राष्ट्रीय रक्त केंद्र (एनबीसी) के माध्यम से 2021 विश्व रक्तदाता दिवस की मेजबानी कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के अनुसार, यह दुनियां भर में अधिक से अधिक लोगों को नियमित रूप से रक्तदान करने और बेहतर स्वास्थ्य में योगदान करने के लिये वैश्विक आह्वान को पुष्ट करता है। रक्तदान करने से तनाव कम होता है और नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है इत्यादि। साथ ही दिल की सेहत सुधरती है, कैलोरी घटती हैं , लिवर की सेहत में सुधार , वज़न भी कम होता है इत्यादि।

विश्व रक्तदाता दिवस इतिहास
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दरअसल 14 जून 1868 को नोबल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म हुआ था। ये एक ऐसे बैज्ञानिक थे जिन्हें ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय प्राप्त है। ब्लड ग्रुप का पता लगाने वाले कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन पर ही विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। उन्हें रक्त समूह प्रणाली के विकास और वर्गीकरण, रीसस फैक्टर की खोज के लिये जाना जाता है। उन्हें ट्रांसफ्यूज़न चिकित्सा के जनक के रूप में भी जाना जाता है। लैंडस्टीनर को एबीओ रक्त समूह प्रणाली की खोज हेतु फिजियोलॉजी के लिये वर्ष 1930 में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

विश्व रक्तदाता दिवस का महत्व
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विश्व रक्तदाता दिवस अपनी स्वेच्छा से रक्तदान करके किसी का जीवन बचाने वाले लोगों को धन्यवाद देने और नियमित तौर पर रक्तदान के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये मनाया जाता है। सुरक्षित रक्त जीवन बचाने वाली आवश्यक चिकित्सीय जरूरतों में से एक है और सभी प्रकार की आपात स्थितियों (प्राकृतिक आपदा , दुर्घटना , सशस्त्र संघर्ष) के दौरान इलाज में अहम भूमिका निभाता है। रक्त की अहमियत और रक्तदान के महत्व से हर किसी को रूबरू कराने के लिये ही विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।

Ravi sharma

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