आज नि:शर्त रिहा होंगे अभिनंदन,अभिनंदन करने को देश बेकरार

नई दिल्ली-आखिरकार भारत की सख्ती के आगे पाकिस्तान घुटने टेकने को मजबूर हो गया।भारत सरकार के सूत्रों ने कहा था कि गिरफ्तार पायलट को लेकर कोई समझौता नहीं होगा,पायलट को बिना शर्त और बिना नुकसान के रिहा करना होगा।आखिर पायलट को नि:शर्त छोड़ने पर पाकिस्तान मजबूर हो गया।वायु सेना ने अभिनंदन को लौटाने के इस फैसले का स्वागत किया है लेकिन वह इसके लिये पाकिस्तान सरकार को कोई विशेष श्रेय देने को तैयार नहीं है!यह फैसला जेनेवा संधि के मुताबिक है,जेनेवा संधि के तहत पाकिस्तान पायलट को ज्यादा दिन बंदी नहीं रख सकता था।

अभिनंदन की बहादुरी पर पाकिस्तानी भी कायल

पाकिस्तान की गिरफ्त में आये विंग कमांडर अभिनंदन की बहादुरी की कायल पाकिस्तानी सेना भी हो गई है!पाकिस्तान की सेना की गिरफ्त में होने के बाद भी वे काफी शांत नजर आ रहे थे!उनके पास सर्विस रिवाल्वर थी और भीड़ उन पर हमला कर रही थी इसके बावजूद भी इस जांबाज सिपाही ने किसी भी निहत्थे व्यक्ति पर ना तो गोलियां चलायी और ना ही दबाव में आया।वहीं दूसरी ओर इस जाँबाज सिपाही अभिनंदन के पिता ने कहा है कि उन्हें अपने बेटे की बहादुरी पर गर्व है।

इस जाँबाज सिपाही का आज होगा अभिनंदन

वायुवीर जांबाज सिपाही अभिनंदन का अभिनंदन करने के लिए पूरा भारत देश बेकरार है।आज वायु सेना का प्रतिनिधिमंडल जांबाज सिपाही को लेने बाघा सीमा जायेगा।अभिनंदन को भारतीय उच्चायोग में तैनात ग्रुप कैप्टन जे डी कुरियन वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लेकर आयेंगे।गौरतलब है कि कारगिल युद्ध के समय ग्रुप कैप्टन नचिकेता को भी इसी रास्ते से भारत लाया गया था।

पीढ़ियों से देश सेवा में लगा है अभिनंदन का परिवार

विंग कमांडर अभिनंदन सेना की सेवा करने वाले परिवार के पहले सदस्य नहीं है बल्कि पीढ़ियों से इनका परिवार देश सेवा में लगा हुआ है।उनकी कई पीढ़ियां भारतीय वायु सेना में ही रहकर देश के आसमान की रक्षा कर रही है।अभिनंदन के दादा सिम्हाकुट्टी भी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना में थे।इनके पिता रिटायर्ड एयर मार्शल जो वर्तमान कारगिल युद्ध के दौरान पश्चिमी एयर कमांड के एयर कमांडिंग ऑफिसर इन चीफ रहे।रिटायर मार्शल देश के उन चुनिंदा पायलटों में से एक रहे हैं जीन्होने 40 से ज्यादा प्रकार के विमानों को 400 से ज्यादा हमको तक उड़ाया है।उनकी मां और पत्नी भी वायु सेना में रह चुकी है,जबकि भाई अभी भी सेवारत है।
रिपोर्ट-अरविन्द कुमार

Ravi sharma

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