आज की युवा पीढ़ी अपना नया रास्ता खुद बनाती है — पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 80 वें संस्करण में राष्ट्र को संबोधित किया। कार्यक्रम के शुरूआत में उन्होंने हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें याद किया , इसके साथ ही उन्होंने टोक्यो ओलंपिक और पैराओलंपिक में युवाओं के प्रदर्शन की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि इस बार चार दशक बाद भारत को ओलिंपिक में हॉकी का पदक मिला। उन्होंने कहा कि इससे मेजर ध्यानचंद जी आज जहां भी कहीं होंगे कितने खुश होंगे। भारत की हाकी का डंका ध्यानचंद की हाकी की स्टिक से बजा था और एक बार फिर भारतीय हाकी खिलाड़ियों ने 41 साल बाद हॉकी में देश का नाम ऊंचा किया है। आज हॉकी को लेकर आकर्षण नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि आज जो खेल को लेकर देश में जो ललक नजर आ रही है, ये ही मेजर ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि है। इसके साथ ही उन्होंने टोक्यो ओलंपिक और पैराओलंपिक में युवाओं के प्रदर्शन की सराहना करते हुये कहा कि जब खेलकूद की बात होती है तो तो हमारे सामने स्वाभाविक रूप से युवा पीढ़ी नजर आती है। आज हर परिवार में खेल की चर्चा शुरू हुई है , अब देश में खेल और खेल की भावना रूकनी नही चाहिये। इसे पारिवारिक , सामाजिक , राष्ट्र जीवन में स्थायी करना है और निरंतर नई उर्जा से भरना है। गांव , शहर में खेल के मैदान भरे होने चाहिये। स्पर्धा से ही खेलों का विस्तार होता है – खेल का विकास होता है तो खिलाड़ी भी उसी में से निकलते हैं। खेलों की स्पर्धायें निरंतर चलती रहनी चाहिये और हमें अलग-अलग प्रकार के खेलों में महारत हासिल करनी चाहिये। पीएम मोदी ने इस मौके पर एक नया नारा खेलें भी , खिलें भी दिया। आज का युवा पुराने रास्ते पर नहीं चलना चाहता है। आज छोटे शहरों में स्टार्टअप कल्चर का विस्तार हो रहा है और आज का युवा नये रास्ता बनाकर नौकरी के बजाय स्टार्टअप शुरू करना चाहता है। उनकी मंजिल , राह और चाह सब नई है। देश के युवाओं का रिस्क लेने के लिये मन उछल रहा है और मैं देश के इन युवाओं में नई संभावनायें देख रहा हूं। युवा अब मन को सर्वश्रेष्ठ की तरफ केन्द्रित कर रहा है , वो सर्वोत्तम करना चाहता है। मुझे भरोसा है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़ी संख्या में ऐसे सैटेलाइट होगी , जिन पर कालेज और यूनिवर्सिटी की लैब में युवाओं ने काम किया होगा। इस दौरान पीएम मोदी ने 30 अगस्त को देश भर में मनाये जाने वाले जन्माष्टमी त्यौहार का जिक्र करते हुये कहा कि हमारे पर्व , त्यौहारों में संदेश और संस्कार है। कृष्ण बालरूप से लेकर विराट रूप में , शस्त्र – शास्त्र सामर्थ्य में , कला , सौंदर्य , माधुर्य में हर जगह विद्यमान है और कृष्ण ही सब कुछ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनियां के लोग भारत के आध्यात्म से इतना जुड़े हैं तो हमें भी इसे आगे ले जाना है। हम पर्व मनायें और उसकी वैज्ञानकिता , संदेश और संस्कार को समझें। हम इसे जियें और आने वाली पीढ़ियों के लिये इस विरासत को बढ़ायें। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों को त्योहार को मनाने के साथ उनके वैज्ञानिक महत्व जानने की सलाह देते हुये देशवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने गुजरात के एक सामुदायिक रेडियो चैनल की बात की। जहां संस्कृत भाषा में सभी कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ये सामुदायिक रेडियो संस्कृत भाषा को मान देने जुटे हुये हैं। उन्होंने बताया कि यह रेडियो वहीं से संचालिच होता है जहां भारत का गौरव स्टेच्यू ऑफ यूनिटी है। पीएम ने संस्कृत भाषा पर जोर देते हुये कहा कि हमारी संस्कृत भाषा सरस भी है, सरल भी है. संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है. संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी विरासत को बचाना और उन्हें आने वाली पीढ़ियों को बताना हमारा कर्तव्य है। आयरलैंड के एडवर्ड संस्कृत के शिक्षक हैं और बच्चों को संस्कृत पढ़ाते हैं , डॉक्टर चिरापद और डॉक्टर सुषमा थाईलैंड में संस्कृत भाषा का प्रचार कर रहे हैं। रशिया में बोरिस मॉस्को में संस्कृत पढ़ाते हैं और कई किताबों का अनुवाद किया है। सिडनी संस्कृत स्कूल में बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती है। इन प्रयासों से संस्कृत को लेकर जागरूकता आई है। देश को संबोधित करते हुये पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों में हम विश्वकर्मा जयंती मनायेंगे। विश्वकर्मा हमारे यहां विश्व की सृजन शक्ति का प्रतीक माना गया है। विश्वकर्मा की पूजा सिर्फ औपचारिकता से पूरी नहीं होगी , हमें उन पर गर्व करना होगा। मुझे लगता है कि निर्माण कार्य में लगा हर नागरिक विश्वकर्मा है। ऐसे में हम सभी को स्किल का सम्मान करना चाहिये तभी सही मायनों में हमारी विश्वकर्मा पूजा सार्थक होगी। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों को आने वाले सभी त्योहारों की एक बार फिर से शुभकामनायें दीं। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिये सबके प्रयास हमें प्रेरणा देते हैं। हम यह जानते हैं जब भी स्वच्छ भारत का नाम आता है तो इंदौर का नाम आता ही आता है। इंदौर कई वर्षों से स्वच्छ भारत की रैंकिंग में शीर्ष पर बना हुआ है। इंदौर के नागरिकों ने नालियों को सीवर लाइंस से जोड़ा है. स्वच्छता अभियान भी चलाया है। पीएम ने कहा कि स्वच्छता अभियान पर भी जोर देते हुये कहा कि इस अभियान को हमें रत्ती भर भी ओझल नहीं होने देना है।पीएम मोदी ने बताया कि तमिलनाडु के शिवगंगा जिले की काजिरंगा पंचायत ने वेस्ट से वेल्थ के मॉडल का उदाहरण पेश किया है. यहां पंचायत ने स्थानीय लोगों के साथ कचरे से बिजली बनाने का एक लोकल प्रोजेक्ट अपने गांव में लगाया है। पूरे गांव से कचरा एकत्रित होता है , उससे बिजली बनती है। बाद में बचे हुये प्रोडक्ट को कीटनाशक के तौर पर बेच दिया जाता है , यह हमारे देशवासियों को प्रेरित करता है। अंत में प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी से बचाव का उपाय याद दिलाते हुये कहा – याद रखना है , दवाई भी और कड़ाई भी। अब तक 62 करोड़ से भी ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है , लेकिन फिर भी हमें सावधानी , सतर्कता रखनी ही है। उन्होंने कहा कि ये समय आजादी के 75वें साल का है। इस साल तो हमें हर दिन नये संकल्प लेने हैं , नया सोचना है और कुछ नया करने का अपना जज्बा बढ़ाना है। और हां, हमेशा की तरह आप जब भी कुछ नया करें कुछ नया सोचों तो उसमें मुझे जरूर शामिल करिएगा. मुझे आपके पत्र और मैसेज का इंतजार रहेगा , आने वाले पर्वों की बधाई।

Ravi sharma

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