अग्निपथ पर चल रहे अग्निवीर,कैसे बदलेगी भारत कि तस्वीर–रवि शर्मा

ऑफिस डेस्क — अग्निवीर….. एकाएक यह नाम,शब्द या उपाधि जो कह लें,तमाम आमों-खास,मीडिया सबकी नजर में है.आज देश फिर जल रहा है.हम यह बात नहीं जानते कि सरकार का यह फैसला किसके हक में है और किसके खिलाफ? और हम ही क्या जगह जगह सड़क पर उतरे ये लाखों लोग,शायद इन्हें भी इसका असली मतलब या इसके पीछे कि असल मंशा नहीं पता.तो आखिर इस देश को जला कौन रहा है? बेलगाम बढ़ती बेरोजगारी,महंगाई जैसे तमाम समस्याओं से त्रस्त इस युवा वर्ग के अंदर जो बारुद भरा है उसे माचीस कौन दिखा रहा है.

आखिर इस आग से किसका भविष्य रौशन हो रहा है.अगर हम इन सब सवालों के जवाब तलाशने निकले तो मुझे ऐसा लगता है कि वर्षों से चली आ रही सरकार कि गलत नीतियां और राजनीति का गिरता स्तर ही इन सबका मूल कारण है.सीमा पर अपनी जान कि बाजी लगाने वाले नौजवान,एक पूर्ण अनुशासन कि नौकरी पाने का सपना पालने वाला युवा क्यों अपने ही देश कि संपत्ति को जला रहा है.

मैने पहले भी अपने एक,दो आलेखों में कहा है कि देश शनै: शनै: गृहयुद्ध कि ओर बढ़ रहा है.बीते दो दशकों में अप्रत्याशित रूप से सरकारी संपत्तियों में आगजनी कि घटनाएं बढ़ी है.विचारो या सरकार के किसी कायदे -कानून से असहमति हर्गिज इस बात कि अनुमति नहीं देता कि कोई इसके विरोध के लिए हिंसा का रास्ता अख्तियार करें.जरुरत है कि यूवा वर्ग इस बात को समझें.इसके पीछे कि कुत्सित राजनितिक मानसिकता को समझें.बचपन में एक कहानी सुनी थी कि बिल्ली कि रोटी का बंटवारा बंदर कर रहे थे.सोचना यूवा वर्ग को है कि रोटी किसकी है,बिल्ली कौन है और बंदर कौन है.

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Ravi sharma

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