वैशाली-वैशाली के हाजीपुर से यौन शोषण का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है.पिड़िता के आरोप के मुताबिक एक मुकदमे की पैरवी करने के बदले मे एक अधिवक्ता ने उक्त महादलित महिला का 6 सालों तक यौन शोषण किया. पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपी अधिवक्ता विजय ठाकुर उर्फ मुन्ना ठाकुर ने उसकी एक मुकदमें की पैरवी करने के नाम पर सुनियोजित तरीके से पहले उसे अपने घर बुलाया. उसके बाद चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया. अर्ध बेहोशी की अवस्था में पीड़िता कुछ समझ पाती,उससे पहले आरोपी अधिवक्ता ने महिला के साथ न सिर्फ दुष्कर्म किया बल्कि इस घटना का एक अश्लील वीडियो भी बना लिया.
पीड़िता के अनुसार इसके बाद यौन शोषण का सिलसिला शुरू हो गया.पीड़िता ने बताया कि बनाए गए अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल किया जाने लगा.पिड़िता का यह भी कहना है की जब इससे भी जी नहीं भरा तो आरोपी अधिवक्ता मेरे उपर देह व्यापार में लिप्त होने के लिए दबाव बनाने लगा. जिसका विरोध करने पर पीड़िता को आरोपी अधिवक्ता ने जान से मारने की कोशिश की,लेकिन पीड़िता ने किसी तरह अपनी जान बचाई.
बीते 8 सितंबर को जान से मारने की कोशिश के बाद पीड़िता ने तंग आकर 9 सितंबर को एससी-एसटी थाना में आरोपी अधिवक्ता विजय ठाकुर उर्फ मुन्ना ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज कराया,लेकिन अभी तक आरोपी अधिवक्ता की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जिसके चलते महिला ने आरोपी अधिवक्ता पर पुलिस से मिलीभगत का आरोप लगाया है.पीड़िता का कहना है कि आरोपी अधिवक्ता अपने रसूख के बल पर गिरफ्तारी से बचता आ रहा है.
ऐसे में पीड़िता ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही है.पीड़िता का कहना है कि वर्ष 2014 में पति से विवाद होने के बाद वह अदालत की शरण में आई जहां अधिवक्ता विजय ठाकुर से उसकी मुलाकात हुई. शुरू में आरोपी अधिवक्ता ने उसके केस की पैरवी की,लेकिन बाद में उसकी नियत में खोट आ गई और फिर केस की पैरवी करने के बदले वह महिला को बहलाने फुसलाने लगा.ऐसे में जब बात नहीं बनी तो आरोपी अधिवक्ता ने चाय में नशा मिला कर इस दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.उसके बाद अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर महिला की आबरू से खेलता रहा.
गौरतलब है की पीड़िता का राजनीति से भी ताल्लुक रहा है.पिड़िता का कहना है कि वह दो बार विधानसभा और एक बार जिला परिषद की चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. इधर पुलिस ने इस मामले मे आरोपी अधिवक्ता के खिलाफ केस दर्ज करने की पुष्टि करते हुए आरोपी अधिवक्ता की शीघ्र गिरफ्तारी करने की बात कही है,लेकिन केस दर्ज होने के 15 दिन बाद भी आरोपी अधिवक्ता की गिरफ्तारी नही हुई है.