अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
पटना — बिहार की राजधानी पटना निवासी एवं जन्म से सिर से आपस में जुड़ी दो बहनों ने आज मतदान किया। चुनाव आयोग ने दोनों बहनों को अलग-अलग व्यक्तियों के तौर पर व्यवहार का अधिकार प्रदान किया गया है।
सबाह और फराह (23) आपस में जुड़ी जुड़वा बहन हैं जो शहर के समनपुरा क्षेत्र में रहती हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में दोनों के नाम एक ही मतदाता पहचानपत्र पर थे और इसलिये उनका एक ही वोट माना गया था।
पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा कि जुड़वा को उनकी शारीरिक स्थिति के चलते उनकी अलग-अलग पहचान से वंचित नहीं किया जा सकता। उनका दिमाग अलग अलग है, अलग-अलग विचार और पसंद हैं। इसलिये बाद में उन्हें अलग-अलग मतदाता पहचानपत्र जारी किये गये । और उन्हें बारी बारी से वोट डालने की इजाजत मिली । उन्होंने कहा कि दोनों को एक ही मतदाता के तौर पर इसलिये माना गया क्योंकि मतदान गोपनीय होना चाहिये और जब कोई मतदान कर रहा हो तो वहां कोई मौजूद नहीं होना चाहिये। यद्यपि ये जुड़वा आपस में इस तरह से जुड़ी हैं, उनके सिर इस तरह से आपस में जुड़े हैं कि वे हमेशा विपरीत दिशा में देखेंगी। इसलिए इसमें अधिक समस्या नहीं होनी चाहिये। इन जुड़वा लड़कियों की कहानी हाल में चुनाव आयोग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर हैशटैग चुनाव की कहानियां से साझा की थी। दोनों को शल्यक्रिया के जरिये अलग करने के बहुत प्रयास किये गये लेकिन चिकित्सकों ने जांच के बाद इसे जटिल आपरेशन बताया था। बाद में उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को दोनों बहनों को पांच हजार रुपये महीना देने का निर्देश दिया था । बाद में जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया गया था।