दुखी हूं । गत शनिवार को हमारे जिले के दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत लू लगने से हो गयी.प्रकृति के प्रचंड प्रकोप एवं झुलसा देने वाली गर्मी का असर तो चारों ओर है।मगर फिर भी शनिवार की गर्मी हमारे जिले के लिए काल बनकर आई और कई लोगों को लील गई । मैं सभी मृतकों के परिजनों के प्रति भाव विभोर मन से सहानुभूति प्रकट करता हूं ।आगे हम सब को मिलकर इस निर्दयी गर्मी से निपटना है ।हमें सतर्क रहना है, यह समझना होगा कि जानकारी का अभाव और असतर्कता हमें एवं हमारे परिवार को मुश्किल में डाल सकती है।मौसम की स्थिति को देखते हुए मैंने प्राथमिक शिक्षण संस्थानों में अवकाश की घोषणा की है।आप सभी लोगों से भी यही अपील है कि जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले और जब निकले भी तो इस भयावह गर्मी से बचने का पूरा उपाय कर ही निकले। मैं आप सभी के समक्ष लू से बचने के कुछ उपायों एवं जानकारियों को साझा कर रहा हूं-
-> घर से पानी या को ठंडा शरबत पीकर बाहर निकले जैसे आम पना,शिकंजी,खस का शरबत ज्यादा फायदेमंद है!
-> धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए,सिर ढक कर धूप मे निकलने से भी लु से बचा जा सकता है !
-> पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है!
-> तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए!
गर्मी के दिनों में बार बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो!
-> सब्जियों के सूप के सेवन से भी लू से बचा जा सकता है!
-> धूप में बाहर जाते वक्त खाली पेट नहीं जाना चाहिए!
गर्मी के दिनो मे हल्का भोजन करना चाहिए,भोजन मे दही को जरूर शामिल करना चाहिए!
-> लू से बचने के लिए कच्चे आम का लेप बना कर पैरो के तलवों पर मालिश करनी चाहिए!
-> धूप में निकलने से पहले नाखून पर प्याज घिसकर लगाने से लू नहीं लगती,यही नहीं धूप में बाहर निकलते वक्त अगर आप छिला हुआ प्याज लेकर साथ चलेंगे तो भी आपको लू नहीं लगेगी!
-> लू लगने पर जौ के आटे और प्याज को पीसकर पेस्ट बनाएं और उसे शरीर पर लगाएं जरूर राहत मिलेगी!रोगी को तुरंत प्याज का रस शहद मे मिला कर देना चाहिए!
-> 104 डिग्री से अधिक बुखार होने पर बर्फ कि पट्टी सिर पर रखना चाहिए!
-> चाय,कॉफ़ी आदि गर्म पेय का सेवन अत्यंत कम कर देना चाहिए.लू लगने पर तत्काल योग्य डॉक्टर को दिखाना चाहिए,डॉक्टर को दिखाने से पूर्व कुछ प्राथमिक उपचार करने पर भी लू के रोगी को राहत महसूस होने लगती है.बुखार तेज होने पर रोगी को ठंडी खुली हवा मे आराम करना चाहिए!
रोगी के शरीर को दिन मे चार पांच बार गीले तौलिए से पोछना चाहिये!
इन उपायों को अपनाकर आप काफी हद तक गर्मी के प्रकोप से बच सकते है.
Report By Manish Tiwari