पटना-लोकसभा चुनाव 2019 में राजद को मिली करारी हार हार के बाद बगावत के सुर उठने लगे हैं। इस बगावत का पहला असर झारखंड में देखने को मिला जहां नाराज चल रहे राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने अन्य बागी नेताओं के साथ मिलकर नए दल का गठन कर लिया। पार्टी के बागी नेताओं ने परिवर्तन महासभा कर राष्ट्रीय जनता दल-लोकतांत्रिक का गठन किया और गौतम सागर राणा को सर्वसम्मति से नई पार्टी का अध्यक्ष चुना।
गौतम सागर राणा ने नई पार्टी के गठन पर कहा, की ‘ 90 फीसदी राजद झारखंड के कैडर और मैं लालू प्रसाद यादव से परेशान हैं। राजद में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है। हम अपने दम पर झारखंड के लोगों की सेवा करेंगे।,’राणा ने कहा कि मेरी इच्छा लालू यादव के खिलाफ जाने की नहीं थी, पर दूसरे व्यक्ति को राजद का अध्यक्ष बनाए जाने से उन्हें दुख हुआ था।
झारखंड में पहले से ही कमजोर नजर आ रही राजद के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान 25 मार्च को गौतम सागर राणा को झारखंड राजद की कमान दी गई थी। लेकिन बाद में बगावत करते हुए राणा ने अभय कुमार सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लालू प्रसाद के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए थे। बताया जा रहा है कि पार्टी के कई नेता अभय कुमार सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज थे.गौतम सागर राणा दावा कर रहे है कि राजद संगठन के 24 में से 18 जिलाध्यक्ष उनके साथ हैं। परिवर्तन महासभा की अध्यक्षता कर रहे कैलाश यादव ने कहा कि अब नई पार्टी लालू यादव के दखल के बिना काम करेगी। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने कई लोगों को धोखा देने का काम किया। कैलाश यादव ने कहा कि लालू यादव का पुराना तेवर व पार्टी पर पकड़ ढीली हो चुकी है। जबकि राणा ने अभय कुमार सिंह का विरोध करते हुए कहा कि जिस नेता ने अनुशासनहीनता की सारी हदें पार कर दी, पार्टी ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय प्रदेश की कमान ही उस नेता के हाथों में सौंप दी.बहरहाल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल मे है और ऐसी स्थिति में राजद बिना पतवार के नाव की तरह हिचकोलें खा रही है.
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