पटना–बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ की ओर से आज फिर पंचायती राज विभाग के मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता को सूबे के सभी 8057 ग्रामकचहरी और इसके निर्वाचित न्यायिक जन प्रतिनिधि पंच,सरपंच,उप सरपंचो सहित समस्त कर्मी सचिव, न्याय मित्र, प्रहारी सह सफ़ाई कर्मीयों को सर्व सुविधा सम्पन्नता हेतु चर्चित 11 सूत्री माँगों का अति आवश्यक आग्रह पत्र समर्पित किया गया।
उक्त आशय की जानकारी पंसस प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने दी तथा कहा कि वर्ष 2006 से अब तक 18 वर्षों में कई मंत्री महोदय का आगमन प्रस्थान हुआ पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी रहे।
माननीय मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री महोदय के साथ साथ मुख्य सचिव, अवर मुख्य सचिव,प्रधान सचिव,निर्देशक,पुलिस महानिदेशक महोदयों के द्वारा पत्र और आदेश निर्गत किये गए पर दुर्भाग्य है कि आज तक राज्य के 80%आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाला दर दर का ठोकर खा रहा है।सड़क से सदन के अन्दर और बाहर आवाज़ें तो उठी विभागीय वार्ता हुई संघ और सरकार स्तर पर सहमति बनी पर हुआ कुछ भी नहीं। अल्प और अपमानजनक मिलने वाली नियत,विशेष और यात्रा भत्ता,भवन किराया,विविध खर्च,पंचम एवं षष्टम वित्त की राशि वर्षों वर्ष का बकाया है वहीं हमारे न्याय कर्ता प्रतिनिधियों को शासन प्रशासन और असमाजीक तत्वों द्वारा मार पीट धमकी तथा झूठे मुक़दमे में फँसाना आम हो गई है।
नियमावली होने के बावजूद नोटिस तामीला हेतु आज तक चौकीदार नहीं मिला।पीत पत्र जारी होने के बाद भी अबतक ग्राम कचहरियों में प्रहारी कीं बहाली नहीं हुई,जबकि 600 से अधिक स्वयंसेवक वर्षों से सेवा दे रहे हैं। विभागीय वार्तानुसार 11 माँगो में से वंशावली,प्रहरी सह सफ़ाई कर्मी की बहाली,रिक्त सचिव न्याय मित्रों की नियुक्ति, भत्ता मानदेय सहित सभी बकाया का भुगतान तथा दुगुनी से अधिक बढ़ोतरी,विकासात्मक कार्यों की समीक्षा,स्थानीय निकाय मतदाता वनाने हेतु अनुशंसा,पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग चौकीदार की प्रतिनियुक्ति आदि 08 माँगों पर स्वीकृति मिली थी पर हुआ कुछ नहीं। पुनः पत्र समर्पित की गईं हैं अविलंब समस्त माँग पूर्ण करें सामने बिहार विधानसभा का चुनाव है।अन्यथा संघ लोकतांत्रिक पद्धति से आन्दोलन चलाने को बाध्य होंगी जिसकी सारी ज़िम्मेदारी सरकार शासन प्रशासन की होगी।