अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
भोपाल — मध्यप्रदेश सरकार ने नगर निकाय एक्ट में बदलाव किया है। अब राज्य में मेयर का चुनाव सीधे तौर पर यानी प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं होगा बल्कि अब पार्षद ही उनके बीच से मेयर और नगर पालिका अध्यक्ष चुनेंगे। कमलनाथ कैबिनेट ने नगरीय निकाय एक्ट में इस बदलाव पर मुहर लगा दी है। इससे पहले तक जनता सीधे महापौर को चुनती थी। लेकिन इस फैसले के बाद अप्रत्यक्ष तरीके से महापौर और नगर निगम के सभापति का चुनाव होगा। इसके अलावा आपराधिक छवि वाले पार्षद दोषी पाये जाने पर 06 महीने की सजा के साथ ही 25 हजार के जुर्माने का प्रावधान को भी कैबिनेट ने मंजूर किया है। कमलनाथ सरकार के नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव के फैसले का विरोध करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं। कांग्रेस को हार का डर सता रहा है इसलिये उन्होंने महापौर के सीधे चुनाव को खत्म कर दिया है।