भारतीय संस्कृति की विदेशों में भी काफी पहचान है – अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायगढ़ – चक्रधर समारोह जैसे बहुत ही महत्वपूर्ण महोत्सव में मुझे निमंत्रण मिला है। लगभग तीस साल से मैनें भारत में नृत्य नही किया है और वह मौका आज यहां से शुरू हो रहा है। भगवान गणेशजी की याद में मै यहां भरतनाट्यम में नृत्य की प्रस्तुती दूंगी। मै चार शास्त्रीय नृत्य शैली में मैने शिक्षा प्राप्त की है , जिसे मै परफार्म कर सकती हूं और लोगों को सीखा भी सकती हूं। महाराजा चक्रधर सिंह ने कत्थक में महारत हासिल की थी इसकी जानकारी मुझे मिली है। मै बहुत खुश हूं कि क्लासिकल डांस को यहां इतने अच्छे तरीके से पेश किया जा रहा है। इस चक्रधर समारोह में मेरा पहला परफॉर्मेंस होगी , यहां आडिएंस उन्हें जरूर स्वीकार करेगी और पसंद करेगी। वर्ष 2024 मेरे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण साल होगा , आज मैं यहां जो प्रस्तुति देने जा रही हूं वो रायगढ़वासियों के लिये सरप्राईज होगा।


उक्त बातें मशहूर सिने तारिका मीनाक्षी शेषाद्रि ने अपने कार्यक्रम भरतनाट्यम से पहले आज होटल ट्रिनीटी में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कही। उन्होंने कहा कि भारत से माईग्रेड करने वाले लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। माता , पिता , छोटे बच्चे , लड़के , लडकियां भी शास्त्रीय संगीत में दिलचस्पी रखते हैं। मैने तीन अलग शैलियों में नृत्य की शिक्षा दी है। छोटे से लेकर बड़े लोगों को कत्थक , भरतनाट्यम और ओडिसी इसके अलावा दो तीन अलग तरीके से नृत्य को आगे बढाया है।मीनाक्षी शेषाद्रि ने बताया कि वर्ष 1995 में अमेरिका में रहने वाले हर्ष से मेरी मुलाकात हुई और मुझे लगा यही मेरे लिये सही लाईफ पार्टनर है। उन्होंने मेरी रिक्वेट पर एक साल इंडिया में आकर अपने करियर को आगे बढ़ाने कोशिश की सिर्फ मेरी वजह से ताकि मै अपने रूट के साथ जुडी रहूं और यहां एक्टिंग , डांसिंग कर रही थी उसे मै ना छोडूं। लेकिन एक साल के अंदर यहां का माहौल , करप्शन वो उसे झेल नही पाये और उसके बाद वे अमेरिका शिफ्ट हो गये , अमेरिका का सफर बहुत अच्छा है और अभी भी वहां उनका घर है। उन्होंने बताया कि वे अमेरिका में भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रही हैं , वहां नृत्य का स्कूल स्थापित किया है। भारतीय संस्कृति की विदेशों में भी काफी पहचान है। उन्होंने यह भी कहा कि चार शास्त्रीय नृत्य शैली में शिक्षा लेने के बाद वें केवल भरतनाट्यम प्रदर्शन करती हैं , बल्कि सिखाती हुये कोरियोग्राफी भी करती हैं। भले ही वे हिंदुस्तान की सरजमीं से निकलकर अपने परिवार के साथ अमेरिका में बसती हैं , मगर उनके दिल में भारत और यहां के लोग बसते हैं। अभिनेत्री मीनाक्षी ने कहा कि पूरे परिवार के सपोर्ट और मोटिवेशन के साथ वे इस उम्र में फिर से भारत आई हैं और इस इंटरटेरमेंट इंडस्टीज में फिर से जागरूक होकर कुछ करके दिखाना चाहती हैं। पहले की फिल्म और आज की फिल्म के बारे में उन्होंने कहा कि इनमें कोई फर्क नही है पहले की फिल्म की तरह आज की फिल्म है लोगों को रिझाने के लिये , पैसे बनाने के लिये , खुद को मीडिया में रखने के लिये। टेक्नालॉजी बदल गया है, स्टोरी आईडिया बदल चुका है। कत्थक , भरत नाट्यम और ओडिसी नृत्य में पारंगत मीनाक्षी शेषाद्री ने बताया कि वे जयपुर और लखनऊ घराने से जुड़ी हुई हैं , आज जब रायगढ़ पहुंची तो उन्हें रायगढ़ घराने की जानकारी मिली। महाराजा चक्रधर सिंह की उनकी अलग नृत्य शैली है , जिसे रायगढ़ घराने के रूप में जाना जाता है। एक सवाल के जवाब में मीनाक्षी शेषाद्रि ने कहा कि उसे राजनीति में आने का कोई शौक नहीं है। हालांकि उन्हें कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिये ऑफर किया गया था , लेकिन उन्होंने इससे दूरी बना ली।‌ उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे पहले भी राजनीति नही की और भविष्य में भी इसमें नही जायेंगी। कोलकाता में हुये दुष्कर्म काण्ड की तीखी आलोचना करते हुये उन्होंने कहा कि फिल्म दामिनी में मेरा मेन पात्र था वो एक ऐसी औरत का था जो किसी के साथ नाइंसाफी हुई थी उसके लिये वह अपने परिवार को छोड़कर लड़ी। कई लोगों को लगता है मीनाक्षी ही दामिनी है और दामिनी ही मीनाक्षी है। कोलकाता में जो हुआ वह बहुत ही गलत हुआ , हर तरीके से गलत हुआ। मेरा यह कहना है कि हे भगवान इस दुनियां में देर है या ये अंधेर लगातार रहेगा। मीनाक्षी ने गंभीर लहजे में कहा कि काश वे फ़िल्म दामिनी के अपने किरदार की तरह सक्षम और सबल होती तो महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा एक्शन जरूर लेती। उन्होंने भारत में बढ़ रहे गैंगरेप घटना की तल्ख शब्दों में निंदा करते हुये यह भी कहा कि ये कलयुग , सतयुग कब आयेगा। इसके अलावा उन्होंने भारतीय फिल्मों के बदलते दौर में नृत्य , संगीत और अभिनय को बढ़ावा मिलने की पुरजोर वकालत भी की।

Ravi sharma

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