
पटना- बिहार राज्य कबड्डी संघ द्वारा 66वॉ महिला नेशनल कब्बडी चैम्पियनशिप का आयोजन कराया जा रहा हैं, परंतु बिहार राज्य कबड्डी संघ पर पिछले साल ही एक याचिका दायर की गयी थी,याचिका मे कहा गया था की बिहार राज्य कबड्डी संघ को पिछले बीस वर्षो से बहुत ही दबंगता,दादागिरी और रसुख के बल पर एक सचिव के द्वारा संचालित किया जा रहा है.गौरतलब है की याचिकाकर्ता कबड्डी की एशियन गोल्ड मेडलिस्ट स्मिता कुमारी 2011 से ही इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं,जिसके बाद पटना उच्च न्यायलय ने मामले को एम्चयोर कबड्डी फेडरेसन के मुख्य प्रशासक के पास भेजा,जहां दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी.इस दौरान कबड्डी एसोसिएशन,बिहार के अध्यक्ष शैलेश कुमार भी मौजुद थे,दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद एमच्योर कबड्डी फेडरेशन के मुख्य प्रशासक द्वारा यह निर्णय लिया गया की बिहार राज्य कबड्डी संघ अपने नियमावली मे परीवर्तन करे और( NSF code) के दौरा तीन माह के अंदर चुनाव कराऐ,परंतु हैरत की बात है की मुख्य प्रशासक के आदेश के बावजुद आज तक बिहार राज्य कबड्डी संघ ने अपने बाइलोज मे कोई परिवर्तन नहीं किया।और भी हैरत की बात ये है की बिहार राज्य कबड्डी संघ 21/Act1860 से रजिस्ट्रीकृत नही होते हूए भी बिहार सरकार से फंडिग का लाभ ले रही हैं,बिहार राज्य कबड्डी संघ खेल विधेयक 2013 से रजिस्ट्रीकृत है, बाद मे इस एक्ट 2013 को 2015 मे मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है.इन्ही सब कारणों,बिहार मे खराब मानसुन,असमय खराब मौसम के कारण इंसेफेलाइटीस से हुई सैकड़ो बच्चो की मौत और पूर्व मे एम्चयोर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया के आदेश को इंगित करते हुए कबड्डी ऐसोशिएसन बिहार ने अविलंब 66 वां महिला नेशनल कबड्डी चैम्पिंयनशिप के आयोजन पर पत्र दे कर रोक लगाने की मांग की है.