
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
बिलासपुर– छत्तीसगढ़ के चर्चित आरक्षण मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पिछड़ा वर्ग के लिये बढ़ाये गये आरक्षण के खिलाफ कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका लगा रखी थी। इस याचिका पर आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है। चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की संयुक्त बेंच ने इस मामले पर दर्ज याचिका की सुनवाई की। यह सुनवाई सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला व अन्य की दायर याचिका पर हुई है। तर्क यह प्रस्तुत किया गया है कि इंदिरा साहनी प्रकरण में यह व्यवस्था दी गयी थी कि किसी भी शर्त में आरक्षण पचास प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता। इसी के आधार पर हाईकोर्ट ने रोक लगाया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ओबीसी (OBC) आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। इसके साथ ही अनुसूचित जाति (SC) वर्ग का आरक्षण 12 से बढ़ाकर 13 फीसदी व अनुसूचित जनजाति वर्ग का 32 प्रतिशत कर दिया था। कोर्ट ने अब बढ़े हुये आरक्षण पर रोक लगाते हुये राज्य सरकार से इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।