पटना-यूं तो बिहार के सभी चालीस लोकसभा सीटों पर सभी पार्टियों ने लगभग अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं.मगर बिहार कि राजनीति के कुछ दिग्गज चेहरे और कुछ सीटों पर संशय अब भी बरकरार है.इस चर्चा में सबसे पहले हम बात करते हैं अपने समय के बिहार के चर्चित नेता आनंद मोहन कि.फिलहाल आनंद मोहन एक मामले में सालों से जेल में बंद हैं,और उनकी राजनीतिक विरासत उनकी पत्नी लवली आनंद संभाल रही है.सालों से जेल में होने के बावजूद आंनद मोहन का जादू बिहार की राजनीति में अब भी बरकरार है.
निजी सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार यह लोकसभा चुनाव श्रीमती आंनद वैशाली और शिवहर दोनों लोकसभा सीट से लड़ना चाहती है.
मगर सुत्र बताते हैं कि वैशाली की डगर श्रीमती आंनद के लिए इस बार आसान नहीं होगी.वैशाली के मुकाबले शिवहर कि डगर उनके लिए आसान हो सकती है.
दुसरे चेहरे हैं अरुण कुमार जो पार्टी हाईकमान के निर्णय के बावजूद नवादा छोड़कर जहानाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं.हालाकीं सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार उनका यह फैसला उनके राजनीतिक जीवन और चेहरे को मजबूती प्रदान करेगा.वैसे उनके इस फैसले से उनके स्वजातीय लोगों की नजरों में उनका कद सम्मानपूर्वक बढ़ा है.
तीसरा है बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र,जो इस वक्त बिहार के सबसे हॉट सीट में गिना जा रहा है.इस सीट से कन्हैया कुमार और गिरीराज सिंह के चुनाव लड़ने के कारण बिहार कि राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले सभी लोगों की नजर है.मगर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बेगूसराय लोकसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. अगर गिरिराज सिंह बेगूसराय से चुनाव नही लड़ते हैं तो भाजपा को भारी नुक़सान होगा और कन्हैया कुमार बेगूसराय से चुनाव जीत सकते हैं. दोनो ही भूमिहार जाती से है, हालांकि गिरिराज सिंह अपनी पुरानी सीट नवादा से ही चुनाव लड़ना चाहते थे मगर पार्टी हाईकमान के निर्देश पर उन्हें बेगूसराय से चुनाव में उतारने कि तैयारी है.हालाकीं सुत्र बताते हैं कि पार्टी हाईकमान ने गिरिराज सिंह को स्पष्ट निर्देश दिया है कि आगामी 48घंटे में अगर वह बेगूसराय से चुनाव लड़ने का सिंबल नहीं लेते है तो भाजपा बेगूसराय से अपना उम्मीदवार बदल देगी.ऐसे हि कुछ और क्षेत्रो के ग्राउंड रिपोर्टिंग के साथ हम फिर मिलेंगे.
रिपोर्ट-अनुपम शर्मा