अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर– स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 24 जून को प्रवेश सम्बन्धी एक आदेश जारी किया गया है जिसके अनुसार नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत निजी और अशासकीय विद्यालयों में कक्षा आठवीं में पढ़ने वाले छात्रों को उन्हीं विद्यालयों में कक्षा बारहवीं तक अध्ययन करने के लिये निरंतरता प्रदान की जाये। निजी अशासकीय विद्यालय आदेश के अनुपालन में स्वमेव विद्यार्थियों के नाम आगामी कक्षा में दर्ज करेंगे ।जिला शिक्षा अधिकारी सभी विद्यार्थियों को उन्हीं विद्यालयों में प्रवेश संबंधी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। आदेश में कहा गया है कि विभिन्न शालाओं में प्रवेश कराये गये विद्यार्थियों के शुल्क की प्रतिपूर्ति की राशि शासन द्वारा विद्यालयों को देगी।तदक्रम में शुल्क प्रतिपूर्ति की वार्षिक दर प्रति छात्र प्रति वर्ष 15000 अधिकतम निर्धारित की जाती है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अंतर्गत संचालित के लिये कक्षा नवमी की पुस्तकें प्रदान की जायेगी।अन्य बोर्ड से संबंधित स्कूलों के छात्रों को शिक्षण सामग्री के लिये 1000 रूपये प्रति छात्र प्रति वर्ष होगा। निजी शालाओं में कक्षा नवमी में प्रवेश इस छात्रा ओं को शासकीय शालाओं के समान गणवेश गणवेश अनुदान की पात्रता नहीं होगी। आदेश में उल्लेख है कि सत्र 2019 में सत्र का प्रारंभ 24 जून हो रहा है।प्रदेश के निजी और शासकीय विद्यालयों में प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को कक्षा नवमी में प्रवेश संबंधी कार्रवाई तत्काल कर ली जाये। जिन निजी विद्यालयों में हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल स्तर की कक्षायें संचालित नहीं है।उन स्कूलों के विद्यार्थियों के लिये जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संबंधित के पालकों से अन्य निजी शालाओं में पहुँची सीमा के भीतर की शालाओं में प्रवेश हेतु विकल्प प्राप्त कर विद्यालय के कक्षा नवमी के दर्ज संख्या के 25% की सीमा में प्रवेश संबंधी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। जहां निर्धारित सीमा में और शासकीय शाला उपलब्ध नहीं है वहां शासकीय शाला में कक्षा नवमी में प्रवेश की व्यवस्था की जाये।