पटना — पंचायती राज व्यवस्था का आधार स्तंभ है पंच परमेश्वर। इनका विरोध,अपमान किसी भी राजनेता को भारी महंगा पड़ेगा। उक्त बातें पंच सरपंच संघ प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं । उन्होंने कहा कि बिहार सरकार और पंचायती राज विभाग ग्राम कचहरी और निर्वाचित प्रतिनिधि कर्मीयो का कार्य निश्चिंत होकर करें। पंच-सरपंच-उपसरपंच किसी दल,जाती,नेता के गुलाम नहीं है और न ही किसी दल के टिकट पर चुनाव जीतते हैं। जो हम लोगों का काम करेगा हम सभी प्रतिनिधि कर्मी अपने समर्थक,सहयोगियों सहित उनके साथ होगें। पंचायत स्तरीय विकासात्मक कार्यों की समीक्षा,जांच,प्रहरी की नियुक्ति, मानदेय भत्ता की बढ़ोतरी,रक्षा, सुरक्षा पुलिस, प्रशासन का सहयोग, वंशावली आदि मांगो की पूर्ति होते देख कुछ एक मुखिया संघ नेता तिलमिला गए है। मुख्यमंत्री, मंत्री, प्रेस मीडिया के खिलाफ अनर्गल प्रलाप हड़ताल की धमकी बात करते हैं । ठीक है जरुर हड़ताल कीजिए, लोकतांत्रिक अधिकार है पर, हड़ताल से पहले उप मुखिया को अपना चार्ज दे । प्रावधान है पंचायती राज अधिनियम में कहीं जाने से पहले अविलंब मुखिया को चार्ज दें ताकि राज्य की ग्रामीण 80%आबादी जिन्होंने हम सबको सरपंच, मुखिया प्रतिनिधि चुना बनाया है। उनको दिक्कत न हो उनका काम चलता रहे और माननीय उपमुखिया अपने स्तर सूझ-बूझ ध्यान से पंचायत का काम करे, निगरानी पंच परमेश्वर करेंगे। पुनः संघ मांग करती है प्रस्तावित घोषित लंबित सभी 11 सूत्री मांग पूरा करें। अन्यथा 02 अक्टूबर गांधी जयंती को चंपारण भीतीहरवा से न्याय यात्रा शुरू कर सभी 38 जिलों में अलख जगाकर एकत्रीकरण पश्चात सुबे के ग्राम कचहरी निर्वाचित जनप्रतिनिधि सामूहिक इस्तीफा देने को बाध्य होंगे जिसकी सारी जवाबदेही सरकार शासन प्रशासन की होगी।
पंच-सरपंच संघ ने पंचायती राज मंत्री,विभाग के पक्ष में खोला मोर्चा,निश्चिंत होकर पंच सरपंच का कार्य करें सरकार और विभाग,हम सदैव सहयोगी –अमोद निराला
