पटना-सुबे के ग्राम कचहरियो की उपेक्षा अंतिम चरण मे संपन्न हो रहे लोकसभा चुनाव मे नेताओ को महंगा पड़ा,सवा लाख निर्वाचित प्रतिनिधि सरपंच ,उपसरपंच,पंच तथा कर्मीगणो ने सपरिवार 5 लाख से अधिक मत नोटा मे डालकर अपनी शक्ति का एहसास सत्ता और प्रतिपक्ष गठबंधन के नेताओ को प्रथम दृष्टया करा दिया है.
उक्त जानकारी बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला,स्टेट प्रशिक्षक पुष्पेनदर ठाकुर,कानूनी सलाहकार अजय कुमार अधिवक्ता,उपाध्यक्ष शशि कुमार तथा दिनेश महतो ने संयुक्त रूप से अंतिम चरण के मतदान के पश्चात दी तथा कहा कि बिहार के 8391 ग्राम कचहरियो को बिहार सरकार शासन-प्रशासन द्वारा 2006 से घोर उपेक्षित रखा गया है रोज रोज प्रतिनिधि -कर्मी एवं इनके परिजनो पर गहरी साजिश के तहत कातिलाना हमले, हत्या, झूठे मुकदमे हो रहे है । संघ के बैनर तले सैकड़ो बार हजारो हजार की संख्या मे लोकतांत्रिक पद्धति से आन्दोलन किया गया तथा सरकार और प्रतिपक्ष के समक्ष 21 सूत्री मांगो का प्रस्ताव दिया गया ताकि ग्रामीण क्षेत्र के जनता जनार्दन को सस्ता सरल न्याय और विकास के मुख्य धारा से जोड़ने हेतु सभी 40 सांसद और विधायकों से विधानसभा एवं लोकसभा मे आवाज उठाने हेतु कई दफा किया गया पर किसी दलो के नेताओ के कान पर जू तक नही रेंगी,आदि समस्त बातो के विरूद्ध पिछले 8 अप्रैल को बिहार राज्य पंचायत परिषद् सभागार पटना मे संघ कार्यसमिति की महाबैठक मे सर्वसम्मति लिए गए निर्णयानुसार तथा निर्वाचन आयोग का सम्मान करते हुए वोट का बहिष्कार नही कर के बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रो मे से 39 मे ग्राम कचहरियो के प्रतिनिधि एवं कर्मीगणो ने सपरिवार नोटा मे पांच लाख से अधिक वोट डालकर अपनी शक्ति दिखाई तथा कटिहार मे संघ संरक्षक दुलाल चन्द्र गोस्वामी को समर्थन किया है। यह तो पंच परमेश्वर ने अपने एकजुटता का प्रथम परिचय दिया है अब भी सत्ता और प्रतिपक्ष के नेताओ ने हमारी जनहित के मांगो पर पहल नही किया तो अागामी बिहार विधानसभा चुनाव मे सुबे के पंचायत प्रतिनिधि और कर्मी( पंच परमेश्वर और आमजन ग़ठजोड) बनाकर सखा संबंधी सहित ग्राम कचहरियो की उपेक्षा करने वाले दल ,नेताओ तथा शासन प्रशासन के विरुद्ध चरणबद्ध जनजागरण आन्दोलन कर सबक सिखाया जाएगा ।