पटना — पंचायती राज दिवस के मौके पर बिहार के विभिन्न जिलों से आए ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के साथ चाण्क्या राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के पंचायती राज पीठ में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री विवेक कुमार सिंह आइएस, विकास आयुक्त, न्यायमूर्ति श्रीमती मृदुला मिश्रा, प्रो० डा० एसपी सिंह पंचायती राज पीठ,डा० राजीव कमल कुमार सहायक प्राध्यापक ANSISS पटना उपस्थित थे।
कार्यशाला कि शुरुआत करते हुए विकास आयुक्त श्री विवेक कुमार सिंह ने कहा कि गांवों में विकास और ग्राम कचहरी के द्वारा न्याय कि प्रक्रिया लगातार प्रयास से पारदर्शी और सरल बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोक हित समिति के द्वारा बीस हजार पंचायत भवन कि स्वीकृति मिली है। बहुत जल्द यह मूर्त रुप में दिखेगा।हमारा प्रयास है कि हर पंचायत में कंम्पयूटर,लेखा से संबंधित व्यक्ति कि नियुक्ति हो ताकि कार्यों में गति और पारदर्शिता रहे। उपस्थित जनप्रतिनिधियों से उन्होंने कहा कि आप सब जागरुक,सशक्त और समाज के एक मजबूत स्तंभ है।आज जरूरत है कि जनप्रतिनिधि केवल योजनाओं पर ही नहीं बल्कि समाज कि विषमताओं को खत्म करने में भी अपनी सहभागिता रखें।
वहीं सीएनएलयू कि कुलपति न्यायमूर्ति श्रीमती मृदुला मिश्रा ने कहा कि समाजरुपी गाड़ी कि रफ़्तार सही रहे इसके लिए जरूरी है कि हर क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों कि समान भागीदारी हो। आदिकाल से हमारे संस्कारों में यह बात निहित थी।समय के साथ राज और संस्कृतियों में बदलाव आए जिससे सामाजिक, राजनीतिक, शिक्षा आदि हर क्षेत्र में स्त्रियां पीछे हो गई।मगर अब वक्त बदल रहा है। हमारे संविधान मे पुरूष और महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है। सरकार आरक्षण नीति और अन्य कई तरीके से महिलाओं कि सहभागिता हर क्षेत्र में बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है।इसमें सबसे बड़ा योगदान पंचायती राज का रहा है। पंचायती राज ने आरक्षण के साथ महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अमुल्य योगदान दिया है। महिलाओं को घर के बाहर कि दुनिया से जुड़ना चाहिए साथ ही समाज के लिए सबसे बड़े कोढ़ दहेज के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए।इस समस्या से 100% छुटकारा लिजिए।आप सब ये प्रतिज्ञा ले कि हम समाज से दहेज प्रथा को खत्म करेंगे। बेटा-बेटी के भेदभाव को खत्म करीए।
वहीं सीएनएलयू के चेयर प्रोफेसर डा० एसपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को मुखर बनाना है।इस तरह कि कार्यशालाओं के माध्यम से समाज के मुद्दों पर बोलने कि उनकी हिचक खत्म होगी।इस तरह कि कार्यशाला का उद्देश्य महिला जनप्रतिनिधियों को सही मायनों में जनप्रतिनिधि बनाना है जहां वे अपने स्वविवेक से फैसले ले और उनके फैसलों में उनके परिवार के पुरुष सदस्यों का दबदबा नहीं रहे।इस तरह कि कार्यशालाओं से महिला जनप्रतिनिधि और सशक्त होगी और सारी बागडोर उनके हाथों में होगी साथ ही श्री सिंह ने महिला जनप्रतिनिधियों से मुखर होकर बाल विवाह के खिलाफ भी आवाज बुलंद करने कि अपील कि।
इस कार्यशाला के दौरान उपस्थित महिला जनप्रतिनिधियों ने चेयर पर्सन से अपनी बातों को रखा। महिला जनप्रतिनिधियों ने अपनी कार्यविधि,कार्य संपादन के दौरान आने वाली समस्याओं को मुखर होकर रखा।वहीं डा० राजीव कमल कुमार सहायक प्राध्यापक ANSISS ने भी मौजूद जनप्रतिनिधियों से बात कि।खासकर महिला जनप्रतिनिधियों ने मुखर होकर विभिन्न कार्यबिंदुओ पर चर्चा कि।
वहीं पंसस अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने बताया कि पंचायती राज पीठ के अथक प्रयास से सभी जिलों में प्रखंडवार प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। जनप्रतिनिधियों में जागरूकता और उनके हित कि बात करने के लिए श्री निराला ने आगंतुक अतिथियों का वंदन और आभार व्यक्त किया।आज इस कार्यशाला में मुख्यतः महिला जनप्रतिनिधियों को मुखर होकर अपनी बात कहने का मौका मिला।
वहीं कार्यशाला में पहुंचे पुरुष जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी।आज कि कार्यशाला में मुख्य रूप से पंसस अध्यक्ष अमोद कुमार निराला, सरपंच रीता देवी, कुमकुम शर्मा, आरती शर्मा, कुमारी आरती, गीतांजलि कुमारी सहित बड़ी संख्या में महिला जनप्रतिनिधि मौजूद थी।