हाजीपुर-वैशाली जिले के सहदेई ओपी क्षेत्र के बिहजादी गाँव में कल एसएसबी जवान मुनमुन की लाश पहुंची.शव पहुंचते ही परिजनों की आँखो मे आँसुओ का सैलाब उमड़ पड़ा।आपको बता दे की मृतका 2016 में परीक्षा पास कर नौकरी में आई थी। हिमांचल प्रदेश में ट्रेनिंग समाप्त कर असम के ब्रपेटा में कैम्प डाउली में जीडी सिपाही के पद पर कार्यरत थी। अनूपा का जन्म 25 मार्च 1995 को पैतृक गाँव सहदेइ बुज़ुर्ग प्रखंड के बिहजादी में हुआ था । मुनमुन की पढ़ाई घर पर रह कर ही हुई थी और मैट्रिक की परीक्षा 2011 में गाँधी हाई स्कूल सहदेइ बुज़ुर्ग से पास की थी। स्नातक की पढाई जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित जमुनीलाल कॉलेज से 2016 में पुरी हुई। मुनमुन के नौकरी में जाने से पहले ही पिता का साया उसके सर से उठ चूका था। पिता के नहीं होते हुए भी अपनी माँ एवं दो भाई को संभालते हुए अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी और अपने पिता के बताऐं रास्ते पर चलकर मुनमुन ने सफलता हासिल की।
मुनमुन के पिता उमेश गिरी का देहांत 2013 में लम्बी बीमारी के बाद हो गया था। वह सेंट्रल बैंक में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर तैनात थे। मुनमुन तीन भाई बहन में सबसे छोटी थी। घर के लोग प्यार से उसे मुनमुन कह कर पुकारते थे। मिली जानकारी के अनुसार अनूपा को परेड के दौरान तीन दिन पूर्व सीने मे दर्द हुआ था। जिसके बाद उसे डान-ठान अस्पताल असम में भर्ती कराया गया। जहाँ ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इधर मौत की खबर सुनते ही माता माधुरी देवी,भाई दुर्गेश और गूँजेश का रो -रोकर बुरा हाल है। पूरे गाँव मे मातमी सन्नाटा पसरा है। मुनमुन का शव गुरुवार को पटना से जैसे ही पैतृक घर सहदेई बुज़ुर्ग पहुँचा। स्थानीय थानाध्यक्ष,प्रखंड विकास पदाधिकारी, स्थानीय जन प्रतिनिधि समेत हजारों लोग अपनी बेटी के अंतिम दर्शन को जुट गए। मुनमुन के पार्थिव शरीर के साथ असम के अलावे राजधानी पटना और मुजफ्फरपुर से एसएसबी के जवान सहदेई बुज़ुर्ग पहुँचे हैं। मुनमुन का दाह संस्कार आज महनार के हसनपुर तिनमुहनी स्थित घाट पर गार्ड ऑफ़ ऑनर की सलामी के बाद होगा।
रिपोर्ट-मनीष तिवारी