नईदिल्ली-विगत तीन जुन से लापता भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है, इसमें कुल तेरह लोग सवार थे,हालाकीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस मामले को ज्यादा हवा नही दे रही है मगर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म से सवालों और आरोपों का बाजार गर्म है. प्रधानमंत्री या रक्षामंत्री दोनों में से किसी ने भी देश को विश्वास में लेकर कोई संबोधन या बयान जारी नहीं किया है। यही वजह है कि बहुत लोग पूछ रहे हैं कि क्या देश और सेना की चिंता चुनाव तक ही थी?
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान सोमवार को असम से उड़ान भरने के महज 35 मिनट बाद लापता हो गया था। यह अरुणाचल प्रदेश की ओर जा रहा था।बताया जाता है कि
रूस में निर्मित यह यातायात विमान अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड तक जा रहा था।आपको बता दे कि मेचुका चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले का एक छोटा सा शहर है।
मिली जानकारी के अनुसार एएन-32 विमान ने जोरहाट से सोमवार को अपराह्न् 12 बज कर 25 मिनट पर उड़ान भरी थी, विमान का अपराह्न् 1बजे जमीनी एजेंसियों से संपर्क कट गया। उसके बाद से विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका है।”
विमान की तलाश के लिए तीन खोजी दल बनाए गए हैं, जिसमें शि-योमी जिले का एक और सेना का दल भी शामिल हैं, विभिन्न संभावित स्थानों की ट्रेकिंग की जा रही है।
दावा किया जा रहा है कि पुलिस,सेना और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का एक संयुक्त प्रयास दल अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में लगभग2,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त स्थान की खोज कर रहा है।
पायलट की पत्नी एटीसी अधिकारी
लापता विमान एएन-32 के पायलट आशीष तंवर की पत्नी संध्या तंवर वायुसेना के जोरहाट स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) में ड्यूटी पर ही थीं जब आशीष तंवर ने इसी वायुसेना अड्डे से अरुणाचल प्रदेश के मेंचुका के घने जंगल के लिये उड़ान भरी थी। वह एटीसी पर उनके विमान की सारी गतिविधि देख रही थीं।
महज आधा घंटा बाद ही विमान रडार की पहुंच से गायब हो गया। संध्या उन लोगों में से पहली थीं जिन्हें वायुसेना के इस विमान के लापता होने का पता चला। विमान पर 12 और लोग सवार थे।
संध्या एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारी हैं और वह जोरहाट वायुसेना अड्डे पर तैनात हैं। संध्या का विवाह 2018 में आशीष तंवर से हुआ था और उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में वे दोनों अलग होंगे।
दिन बढ़ने के साथ इन सभी के परिजनों का तनाव और नाउम्मीदी बढ़ती जा रही है।
हरियाणा के पलवल के रहने वाले 29 वर्षीय आशीष तंवर अपनी बी.टेक की डिग्री पूरी करने के बाद दिसंबर 2013 में वायुसेना में शामिल हुए थे।
पलवल स्थित उनके गांव में गम का माहौल पसरा है। उनके परिवार ने गुरुवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात भी की।
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग पूछ रहे हैं कि इस मामले में मोदी सरकार और मीडिया के स्तर पर कोई बड़ी चिंता क्यों नहीं नज़र आ रही। क्यों नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस पर आधिकारिक बयान दे रहे है, क्यों नहीं देश को विश्वास में लिया जा रहा है, क्यों नहीं मीडिया इस पर चर्चा आयोजित कर रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से इस मामले में पहले दिन ज़रूर ट्वीट किया गया था जिसमें बताया गया था कि उन्होंने वायु सेना के वाइस चीफ एयर मार्शल राकेश सिंह भदुरिया से वायुसेना के लापता विमान एएन-32 के बारे में बात की। राजनाथ सिंह के मुताबिक “उन्होंने मुझे लापता विमान को खोजने के लिए वायुसेना द्वारा उठाए गए कदम को लेकर अवगत कराया। मैं विमान में सवार सभी लोगों की सुरक्षा की कामना करता हूं।”
अब पायलट आशीष तंवर के परिवार से मुलाकात के दौरान भी रक्षामंत्री ने उन्हें विमान की जल्द खोज का आश्वासन दिया है।वही लगातार सरकार को निशाना बनाते हुए
नाराज़ सोशल मीडिया यूज़र पूछ रहे हैं कि अब कहां गई मोदी सरकार की राष्ट्रभक्ति और मीडिया की सेना भक्ति। क्यों नहीं वायुसेना के विमान पर सवार 13 लोगों की तलाश में तेज़ी दिखाई जा रही है। इनका सवाल है कि क्या देश, देशभक्ति, सेना और शहीद सिर्फ चुनाव तक सीमित हैं, चुनाव ख़त्म तो क्या देशभक्ति और सेना की चिंता भी ख़त्म हो गई है.बहरहाल लापता विमान को खोजने के प्रयास जारी है.
टीम रिपोर्ट-