नई दिल्ली-सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद मामले में फैसला सुनाते हुये जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच सदस्यीय पीठ ने कहा है कि इस मामले का हल मध्यस्थता चैनल के माध्यम से किया जायेगा।इसके लिये मध्यस्थता कमेटी का गठन किया गया है जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस कलीफुल्ला करेंगे।इसके अलावा कमेटी में श्री श्री रविशंकर और श्री राम पंचू भी शामिल हैं।
जस्टिस कलीफुल्ला-सेवानिवृत्त जस्टिस कलिफुल्ला का पूरा नाम फकीर मोहम्मद कलीफुल्ला है।इनका जन्म 23 जुलाई 1951 को तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में हुआ था उन्होंने 20 अगस्त 1975 को वकील के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। 2012 में उनको उच्चतम न्यायालय में नामित किया गया,वे 22 जुलाई 2016 को सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुये हैं।
श्री श्री रविशंकर-इनका जन्म 13 मई 1956 को हुआ था। पेशे से यह आध्यात्मिक गुरु हैं।इनकी आर्ट ऑफ लिविंग नामक संस्था है जिसकी स्थापना 1981 में की थी।भारत सरकार ने इन्हें 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
श्रीराम पंचू-यह एक वरिष्ठ वकील है जो कई मामलों में मध्यस्थता की भूमिका निभा चुके हैं।ये मध्यस्थता चेंबर के संस्थापक हैं।जो किसी मामले में मध्यस्थता की सेवा प्रदान करते हैं।
रिपोर्ट-अरविन्द तिवारी