अधिकारों में कटौती के ख़िलाफ़ एकजुट हुए पंचायत एवं ग्राम कचहरी के प्रतिनिधि,बढ़ सकती हैं सरकार कि टेंशन –पटना

दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती को चम्पारण से शुरू होगी पद यात्रा
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पंच सरपंच संघ के पद यात्रा को मिला मुखिया संघ का समर्थन।
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पटना- दो अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर अधिकारों में कटौती के ख़िलाफ़ ग्राम कचहरी के पंच एवं सरपंच संघ के द्वारा न्याय के साथ विकास पद यात्रा कि शुरुआत होगी,इस पदयात्रा का समर्थन बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ एवं त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संगठन करेंगे । सभी संगठनों के कोर कमिटी के प्रमुखों की बैठक दारोगा राय ट्रस्ट भवन पटना में हुई। बैठक में सर्वसम्मति से यह फ़ैसला हुआ कि सरकार सभी संगठनों को आपस में लड़ा कर संविधान से प्रदत अधिकारों को समाप्त कर रही है । बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के अध्यक्ष मिथिलेश क़ुमार राय एवं पंच सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आमोद कुमार निराला ने कहा कि आये दिन निर्वाचित प्रतिनिधियों की लगातार हत्याएँ हो रही है लेकिन सरकार मुक़दर्शक बनी हुई है । बिहार में दो दर्जन से अधिक मुखिया, सरपंच और त्रिस्तरीय प्रतिनिधियों की हत्या यह बताता है की अब कोई सुरक्षित नहीं है । वही ग्राम कचहरी और इसके निर्वाचित प्रतिनिधि तथा कर्मी गणों को सर्वसुविधा संपन्नता हेतु सभी 11 सूत्री माँगों को पूर्ण करें तथा समस्त निर्वाचित प्रतिनिधियों की सुरक्षा हेतु आर्म्स लाइसेंस निर्गत कराई जाय । बिहार सरकार अविलंब पंचायतों को भारतीय संविधान के 73 वें संविधान से प्रदत अधिकारों को लागू करें एवं मुखिया संघ की 11 सूत्री माँगों को पूरा करे । सभी ने संयुक्त रूप से कहा कि अब बिहार के तीन लाख प्रतिनिधि जागरूक हो चुके है अगर समय रहते हमारी माँगों को पूरा नहीं किया गया तो प्रथम चरण में दो अक्टूबर गाँधी जयंती के दिन पश्चिमी चंपारण के बापू धाम भीतीहरवा आश्रम से पदयात्रा शुरू होगा जो पटना पहुँचेगा । सभी संगठनों का संयुक्त कार्यक्रम होगा । जिसमे पंद्रह अक्टूबर से कलमबंद हड़ताल शुरू करेंगे । दो अक्टूबर को सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा कर सरकार के सभी जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ प्रस्ताव भी पारित करायेंगे ।सभी संगठनों के नेताओं ने कहा कि संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा यात्रा का नाम न्याय के साथ विकास यात्रा रखा गया है । मुखिया संघ अध्यक्ष ने पंचायती राज विभाग पर यह भी आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी कभी पंचायती राज व्यवस्था को मज़बूत नहीं करना चाहते है । मुख्यमंत्री की आदेश को धत्ता बताते हुए उनकी कही बातों को भी अमल में नहीं लाना चाहते है। उन्होंने कहा कि अधिकारी ग्राम सभा का औचित्य हीं समाप्त करने पर तुले है । 29 विषय पर मुख्यमंत्री की कहने के बाद भी समीक्षा कर नया संकल्प जारी नहीं किया जा रहा है । पंचायतीराज का पैसा दूसरे विभागों को दिया जा रहा है । अगर सरकार का रवैया ठीक नहीं हुआ तो सभी प्रतिनिधि सामुहिक इस्तीफ़ा भी देने को मजबूर होंगे ।


संयुक्त संघर्ष मोर्चा में मुखिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय , पंच सरपंच संघ के अध्यक्ष अमोद कुमार निराला , ज़िला परिषद संघ अध्यक्ष विश्वजीत दीपांकर, प्रमुख संघ बिहार अध्यक्ष राशमनी कुमारी , वार्ड संघ अध्यक्ष बिहार गणेश चौधरी सहित पंचायत स्तरीय कर्मियों के संगठन का भी समर्थन प्राप्त है ।बैठक में मुख्य रूप से गीतांजलि कुमारी , अजय कुमार सिंह , भरत सिंह , अकरम सिद्दीक़ी, श्रवण कुमार पासवान , अमरेन्द्र पांडेय सचिव मुखिया संघ , प्रेम पटेल , अनिल चौधरी आदि सैकड़ों त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि, संगठन के प्रधान उपस्थित थे ।

Ravi sharma

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